आईपीएस सिंह नहीं बल्कि अब आईपीएस डाक्टर सिंह बोलिएगा!

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दुर्ग. पडोसी जिले रायपुर यानिकि राजधानी की पुलिस कप्तानी कर रहे आईपीएस संतोष सिंह ने आज एक और उपलब्धि को अपने नाम कर ली. उन्होंने शोध कार्य पूर्ण करने पर आज डॉक्टर की उपाधि राज्यपाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के हाथों ग्रहण की.

जिले के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में आज द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ. इसी समारोह में आईपीएस सिंह को उपाधि दी गई.

संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों से जुड़े विषय पर किए गए उनके शोध कार्य के पूर्ण होने पर सिंह को डॉक्टर की उपाधि मिली है. उन्होंने अपना शोध कार्य निर्देशक डॉ. सुनीता मिश्रा के मार्गदर्शन में पूरा किया है.

सुनीता मिश्रा शासकीय नवीन महाविद्यालय भिलाई में पदस्थ हैं. वह राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष का दायित्व संभाल रही हैं. सिंह के शोध कार्य के सहायक निर्देशक डॉ. प्रमोद यादव थे.

प्रमोद को सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय दुर्ग में पदस्थ बताया जाता है. राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रमोद यादव ही हैं.

आईपीएस सिंह ने मिश्रा और यादव की देखरेख में अपना शोध पूरा किया. उनके शोध का विषय था “United Nations Peacebuilding Commission: Assessing its Role and Functions” (संयुक्त राष्ट्र के शांति-निर्माण प्रयासों की भूमिका व कार्यों की समालोचना).

उन्होंने पाया है कि शीत युद्ध के बाद दुनिया में हिंसाग्रस्त राष्ट्रों में शांति को चिरस्थाई बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति – रक्षा (पीस कीपिंग) और शांति – स्थापना (पीस मेकिंग) प्रयासों से आगे बढ़कर शांति – निर्माण या सुदृढ़ीकरण (पीस बिल्डिंग) कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है.

इस सदी में संयुक्त राष्ट्र के यूएन पीसबिल्डिंग कमीशन के पर्यवेक्षण में किए जा रहे पीस – बिल्डिंग मिशनों ने दुनिया में शांति प्रयासों को बहुत मजबूत किया है. आईपीएस संतोष सिंह की यह थीसिस संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों विशेषकर शांति – निर्माण (पीस – बिल्डिंग) जो शांति प्रयासों में नया क्षेत्र है, उसकी समझ बढ़ाने में मदद करेगी.

बीआईटी दुर्ग के सभागार में आज संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में प्रख्यात शिक्षाविद अतुल कोठरी, कुलपति अरुणा पल्टा, विधायक ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, रिकेश सेन, रजिस्ट्रार भूपेंद्र कुलदीप, प्राध्यापक, शोधार्थी, छात्र- छात्राएं आदि उपस्थित थे.

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