नेशन अलर्ट/9770656789
छुरिया.
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा छुरिया क्षेत्र में दर्जनों एकड़ जमीन की तलाश में लगे हुए हैं. आश्रम सहित गौशाला निर्माण के लिए जमीन तलाशने की खबर के बीच बम्हनी के आसपास उन्होंने निरीक्षण भी किया है ऐसी जानकारी मिली है.
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में पंडित प्रदीप मिश्रा की एक कथा का आयोजन जिला मुख्यालय में हुआ था. पहले 2 से 8 अगस्त की तिथि निर्धारित थी लेकिन पंडित मिश्रा ने 6 अगस्त तक ही वहाँ पर कथा का वाचन किया. हालाँकि यह कथा पहले ही दिन से व्यवस्था को लेकर विवादों में घिरी रही.
एक को ही पहुँच गए थे…
पंडित मिश्रा ने नांदगाँव के पूर्व भिलाई में कथावाचन किया था. वहाँ से वह एक अगस्त को ही हालेकोसा क्षेत्र में पहुँच गए थे ऐसी जानकारी मिली है.
अपने परम भगत दिनेश साहू सहित दो और व्यक्तियों के साथ वह छुरिया – कल्लू बँजारी मार्ग पर स्थित ग्राम बम्हनी पहुँचे थे. वहाँ उन्होंने जिस जमीन को देखा वह दुर्ग निवासी किसी व्यक्ति की बताई जा रही है.
30-35 एकड़ चाहिए…
पंडित मिश्रा और उनकी कथाओं के आयोजन से जुडे़ सूत्र बताते हैं कि उन्हें गौशाला के साथ ही आश्रम स्थापित करना है. इसके लिए 30 से 35 एकड़ भूमि वह तलाश रहे हैं.
जिस स्थान पर उन्होंने भूमि देखी है उसके आगेपीछे किन्हीं श्यामबिहारी ठाकुर, रिटायर्ड डिप्टी रेंजर श्री मिश्रा सहित दो चार अन्य खातेधारों की संयुक्त रूप से तकरीबन 34 एकड़ जमीन उपलब्ध बताई जा रही है.
संयुक्त खातेधारों की भूमि पर पहले कभी लेमनग्रास उगाया गया था. इसकी कीमत लगभग 25 से 30 लाख रुपए प्रति एकड़ बताई जा रही है जबकि जिस जमीन को पंडित मिश्रा ने देखा वह सड़क किनारे ही पड़ती है.
चूँकि भूमि का यह 30-32 एकड़ वाला टुकड़ा सड़क से लगा हुआ ही है इस कारण इसकी कीमत में भी उतार चढा़व पता चला है. कथावाचक से जुडे़ लोगों पर भरोसा करें तो प्रारंभिक तौर पर इसकी कीमत एक करोड़ रुपए प्रति एकड़ बताई गई है.
दो वर्ष पूर्व तक इस भूमि पर कलिंदर आदि की फसल लिए जाने की प्रारंभिक जानकारी मिली है. हाल फिलहाल जमीन पर कहीं कुछ तो कहीं और कुछ बोया हुआ बताया जाता है.
हालाँकि कीमत अथवा जमीन की तलाश अभी शुरूआती चरण में ही है लेकिन मामले में राज्य शासन से भी मदद माँगी जा सकती है. वैसे भी पंडित मिश्रा की कथा का श्रवण करने स्वयं विधानसभा अध्यक्ष से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भी नांदगाँव आए हुए थे.
तब भेंट मुलाकात के दौरान जमीन का मसला उठा था कि नहीं यह तो पता नहीं चल पाया है लेकिन तीनों की मुलाकात बेहद अच्छी बताई जा रही थी. स्मृति चिन्ह के रूप में बेलमेटल की नंदी की मूर्ति भेंट किए जाने की खबर सार्वजनिक हुई थी.
बहरहाल, इस विषय पर नेशन अलर्ट ने पंडित प्रदीप मिश्रा से जुडे़ दिनेश साहू (हालेकोसा) से बात करने की कोशिश की थी. पहले उनका मोबाइल बिजी आते रहा और फिर जब घंटी गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया.
उनसे दो बजकर 45 मिनट से लेकर दो बजकर 52 मिनट तक संपर्क करने का असफल प्रयास हुआ. फिर भी इस तरह के प्रयोजन के लिए जमीन तलाश रहे पंडित मिश्रा और उनके सहयोगियों के संबंध में जैसे ही कोई अधिकृत जानकारी मिलती है तो उसे पाठकों तक पहुँचाने का संकल्प नेशन अलर्ट दोहराता है.