भोपाल।
किसानों के गुस्से में आ रहे उबाल ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह की नींद उड़ा दी है। मामला ऐसा है कि वे न उगल पा रहें हैं और न निगल। दरअसल, प्रदेश में फसल खरीदी का भुगतान करने के लिए नकदी संकट खड़ा हो गया है। नकदी की उपलब्धता न होने के चलते किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। नतीजतन किसानों का गुस्सा सातवे आसमान पर है और शिवराज इस गुस्से के तांडव में तब्दील होने की संभावनाओं से डर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्री अरुण जेटली को कड़ा पत्र लिखा है। नकदी नहीं मिल पाने की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय भी पहुंची है।
आवक बरकरार
सहकारी समितियों में बड़ी मात्रा में बिकने पहुंच रहे गेहूं की कीमत सीधे बैंकों में आरटीजीएस के माध्यम से पहुंचाई जा रही है। अभी तक खरीदी केन्द्रों में 48 लाख एमटी गेहूं का उपार्जन हो चुका है। जिलों से खबरें आ रही हैं कि किसानों को बैंकों के घंटों चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, उन्हें नकदी नहीं मिल रही है। वैवाहिक सीजन के चलने से उनके तमाम काम प्रभावित हो रहे हैं।
4 हजार करोड़ की कमी
जानकारी के अनुसार प्रदेश को चार हजार करोड़ रुपए नकदी की जरूरत है। बताया गया कि सात हजार करोड़ का गेहूं उपार्जित हो चुका है परन्तु अभीतक तीन हजार करोड़ ही बैंकों में उपलब्ध कराये गये हैं। किसानों को भुगतान के लिए चार हजार करोड़ की बेहद जरूरत है।
एपेक्स बैंक के महाप्रबंधक प्रदीप नीखरा बताते हैं कि आरबीआई ने एक-दो दिन में 600 करोड़ नकदी देने की बात कही है। आने वाले सप्ताह में और 2000 करोड़ मिलने की उम्मीद है। फिलहाल प्रदेशभर में स्थिति नियंत्रण में है।