नेशन अलर्ट / 97706 56789
राजनांदगांव. नेशन अलर्ट : ईमानदारी महंगा शौक है . . . इसी नाम से हमारी यात्रा प्रारंभ हुई थी. वह भी रथदूज का ही दिन था और आज भी रथदूज है. मासिक पत्रिका से शुरू हुआ सफर बीच बीच में डगमगाया भी लेकिन हिम्मत नहीं हारी. और आज हम उसी हिम्मत के साथ अपने फैलाव की . . . विस्तार की घोषणा कर रहे हैं.
सैय्यद शोएब अली . . . न जाने वो आज कहाँ है लेकिन उसने पत्रिका की कवर स्टोरी का शीर्षक दिया था . . . जननायक . . . तब प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे डा. रमन सिंहजी . . . प्रवेशांक की कवर स्टोरी जननायक शीर्षक से तत्कालीन मुख्यमंत्री पर ही आधारित थी.
आज जब नेशन अलर्ट : ईमानदारी महंगा शौक है का विस्तार होने जा रहा है तो डा. रमन सिंह जी की भूमिका बदल गई है . . . तब वह सरकार के मुखिया थे तो आज वह विधानसभा के अध्यक्ष हैं.
समय कभी किसी के लिए नहीं रूका. पत्रिका के प्रवेशांक से लेकर आज दिनांक तक बहुत से लोगों का साथ सदा के लिए छूट गया तो बहुतों का नया सानिध्य मिला. उन्हीं नई पुरानी धरोहरों के साथ हम नई प्लेटफार्म्स में जाने का, अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
विश्वास है . . . भरोसा है कि इस नई पिच पर भी टिकने का अवसर मिलेगा . . . नई पारी भले ही टी ट्वेंटी सी नजर आए लेकिन एकाग्रता पुरानी ही रहे जिसके सहारे बिना किसी लागलपेट के नेशन अलर्ट यहाँ तक पहुँच पाया है.
ईश्वर का धन्यवाद . . . पाठकों का तहेदिल से आभार कि उसने हमेशा हमारा उत्साहवर्धन किया. यही आशीर्वाद चाहते हैं कि भले ही किसी न्याय की लडा़ई के सहभागी न बन पाए लेकिन अन्याय से दूर ही रहें.
पुनश्च : अतुल श्रीवास्तव जी . . . यही वह नाम है जिसने मेरी कलम को कलम होने का अहसास कराया. उम्र में बडे़ लेकिन मेरी हर जरूरी – गैर जरूरी बात का मान रखने वाले अतुल आज अपनी जिंदगी से जिजीविषा दिखाने का साहस कर रहे हैं.
नेशन अलर्ट की बहुत सी खबरों का पोष्टमार्टम करने का साहस अतुल ही दिखा सकते हैं. उन्हीं की सलाह पर अब नेशन अलर्ट सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म्स तक पहुँच बनाने की यात्रा पर निकलने की तैयारी में है.