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रायगढ़। महादेव सट्टा ऐप में अब दो बैंककर्मियों की गिरफ्तारी हुई है। इन पर आरोप है कि ये शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ग्रामीणों के खाते खुलवाकर उसका उपयोग सट्टे की रकम को इधर उधर करते थे। मामले में दो अन्य आरोपी भी पुलिस ने पकड़े हैं।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल बताते हैं कि महादेव व लोटस ऐप का उपयोग यहां ग्रामीणों को गुमराह कर किया जा रहा था। सराईभदर निवासी जीवन लाल साहू का करीब 8 महीना पहले इंडसइंड बैंक रायगढ़ में खाता खुलवाया गया था। लेनदेन की जानकारी मोबाईल मैसेज के जरिए प्राप्त होती थी।
जब जीवनलाल साहू इसकी जानकारी लेने पहुंचे तो उन्हें बैंक मैनेजर दिनेश यादव ने व्यस्तता की बात कहकर लौटा दिया था। जीवन का परिचय गांधी नगर जुट मिल निवासी अरूण रात्रे से बताया जाता है। अरूण पर आरोप है कि उसने जीवन की तरह कइयों के बैंक खाते खुलवाए हैं।
जीवन द्वारा पूछताछ करने पर अरूण जब उसे घुमाने लगा तो इसने उसकी शिकायत पुलिस से की। एसपी पटेल ने सायबर सेल प्रभारी डीएसपी अभिनव उपाध्याय सहित जुट मिल थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज को बारीकी से जांच करने लगाया था। बाद में 22 जून को भादवि की धारा 420, 120 (बी), 409, धारा 8 अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज कर लिया।
इसी तरह एक अन्य आरोपी सुनील साहू बैंक खाते खुलवाने के बदले में 15 से 20 हजार रू. कमाता था। उसका भी अरूण रात्रे के साथ संबंध था। इन दोनों की मदद बैंक मैनेजर दिनेश यादव करते थे। साथ ही साथ कर्नाटका बैंक के सेल्स एसोसिएट दीपक गुप्ता को खाता खुलवाने के एवज में 4 से 5 हजार रू. कमीशन बतौर देते थे।
दोनों बैंक कर्मचारियों और अरूण व सुनील को गिरफ्तार करके इनके द्वारा खुलवाए गए बैंक खाते होल्ड करवाए जा रहे हैं। इन्हीं खातों से लाखों – करोड़ों रूपए की जानकारी निकलकर सामने आ रही है। अभी तक पुलिस को इस तरह के पचास खाते संदिग्ध पता चले हैं जिनसे लाखों रूपए का लेनदेन हुआ है।