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राजनांदगांव. डोंगरगढ़ पुलिस जिन कांग्रेसी नेता नवाज खान को फरार बता रही थी वह कल पत्रकारवार्ता लेने अचानक पहुँच गए थे. इस पर उनसे सवाल भी हुआ तो उन्होंने तपाक से कहा था कि आप गिरफ्तार करवा दीजिए.
दरअसल, इस लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के भीतर कांग्रेस प्रत्याशी के नजदीकी माने जाने वाले नवाज खान भी एक मुद्दा थे. इसका अहसास इसी बात से हो जाता है कि भाजपा नेताओं ने बकायदा न केवल उन्हें साक्ष्य सहित निशाने पर लिया बल्कि उन पर चुनाव के दौरान पत्रकारों से चर्चा भी की थी.
क्या वाकई फरार थे . . ?
अब सवाल इस बात का उठता है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के अध्यक्ष रहे नवाज खान क्या वाकई फरार थे ? नवाज खान को डोंगरगढ़ पुलिस ने एक मामले में नोटिस जारी कर रखी थी. उन पर आरोप लगने के बाद पुलिस ने जब मामला दर्ज किया तो वह हफ्तेभर से ऊपर गायब रहे थे.
नोटिस मिलने पर वह कल थाने आता हूँ बोलकर पुलिस के मुताबिक फरार हो गए थे. डोंगरगढ़ टीई का यही कथन विभिन्न अखबारों में छपा भी था. इधर, राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र का मतदान संपन्न हुए अभी सप्ताह भी नहीं हुआ कि कल अचानक नवाज खान प्रेस क्लब राजनांदगांव में दिखाई दिए थे.
इस विषय पर नवाज के साथ-साथ डोंगरगढ़ पुलिस से सवाल-जवाब भी हुए. डोंगरगढ़ के नगर निरीक्षक ( टीआई ) सीआर चंद्रा ने बेबाकी से कहा था कि नवाज नोटिस मिलने पर डर गए रहे होंगे. इस डर में वह गायब हो गए थे. मर्ग जाँच में पहले पुलिस बयान लेती है. बाद में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर विधिपूर्वक गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई भी होती है.
बहरहाल, नवाज की पत्रकारवार्ता का लब्बोलुआब यही था कि वह अपने आपको बेकसूर बताने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव से जुडे़ उन सभी विषयों पर पूरी शिद्दत से बात करने का प्रयास कर यह जताने की कोशिश की थी कि भाजपा बेवजह उन्हें फँसा रही है.उन्होंने हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक मामले ले जाने की बात कही है. मामले को देखकर यही लगता है कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी लंबा चलेगा.
क्या कहती है पुलिस…
‘‘मर्ग जाँच में पूछताछ के लिए नवाज खान को बुलाने नोटिस दी गई थी. इससे वह डरकर फरार हो गए थे. यदि वह कल पत्रकारवार्ता में स्वयं उपस्थित रहे होंगे तो उन्हें फिर से नोटिस जारी की जाएगी.’’
-सीआर चंद्रा, नगर निरीक्षक
डोंगरगढ़