छुरिया के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के बाद खड़ा हुआ बवाल, विधायक प्रतिनिधि के नेतृत्व में हुआ प्रदर्शन
राजनांदगांव।
छुरिया में खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू खेमे के कांग्रेसी नेता और विधायक प्रतिनिधि ने अपनी ही सरकार और सीएम के खिलाफ तब मोर्चा खोल दिया जब मुख्यमंत्री यहां भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम निपटा रहे थे। इस प्रदर्शन में खुज्जी में भूपेश सरकार की खिलाफत सरेआम जाहिर हो गई। यह प्रदर्शन संगठन और सरकार के लिए किरकिरी का सबब है। भाजपा नेताओं ने इसे लेकर कहा है कि, यह प्रदर्शन सकारात्मक संकेत देता है। कांग्रेस में अब भी कुछ ऐसा नेता हैं जो जानते हैं कि सरकार उनके साथ महज छल ही कर रही है। वे इसे सार्वजनिक कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खुज्जी विधायक छन्नी साहू स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव गुट की मानी जाती हैं। दूसरी ओर सीएम भूपेश बघेल के करीबियों से उनका 36 का आंकड़ा रहा है। विधायक की सरकार के साथ पटरी बैठती भी नहीं दिखती।
यही कारण रहा था कि उन्होंने एक समय अपनी सुरक्षा लौटाकर कांग्रेस शासन में कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर करते हुए अपनी सुरक्षा लौटाकर खुली चुनौती दे दी थी। इस मामले में आखिर में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को पहल करनी पड़ी थी। तब भी उन्हें सरकार से किसी तरह का रिस्पांस नहीं मिला था।
बहरहाल, खुज्जी विधानसभा में कांग्रेस सरकार की खिलाफत का दौर थम ही नहीं रहा है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में छुरिया में यहां की विधायक छन्नी साहू के प्रतिनिधि प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में गैंदाटोला के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन में और भी कई कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
भेंट मुलाकात के लिए बुधवार को छुरिया पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने यहां मंच से कई घोषणाएं की लेकिन गैंदाटोला क्षेत्र के लोगों की कॉलेज की बहुप्रतिक्षित मांग पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। सीएम के यहां से निकलते ही कांग्रेस नेता और विधायक प्रतिनिधि प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने छुरिया में चक्काजाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सीएम की मौजूदगी के दौरान कांग्रेस नेताओं का इस तरह सड़क पर बैठ जाना और खिलाफत करना खुज्जी में आम हो चला है जो की कांग्रेस और सरकार की सेहत के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है। यहां संगठन से उपेक्षा के आरोपों पर, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस प्रशासन के रवैयों को लेकर विधायक छन्नी साहू खुद भी मुखर रहीं हैं। उनके तेवरों ने सरकार को अप्रत्यक्ष रुप से ही सही लेकिन कई बार चुनौती दी है। अब उनके शागिर्द भी सरकार के खिलाफ जनआंदोलन खड़ा कर रहे हैं।