नेशन अलर्ट/धमतरी.
बच्चा चोरी की अफवाह इतनी तेजी से फैलने लगी है कि पुलिस के लिए यह सिरदर्द साबित हो रही है। पहले साधुओं व अर्धविक्षिप्त पुरूष के बाद अब विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे लेखराम साहू के भी पीटे जाने की खबर सुनाई दे रही है।
धमतरी जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में इन दिनों बच्चा चोरी की कथित अफवाह ने विकराल रूप ले लिया है। पहले भिलाई में साधुओं के साथ मारपीट की गई और अब ग्राम चर्रा निवासी लेखराम पिता बुधराम साहू को भी पीट दिया गया है।
दर्शन करने गए थे
मगरलोड थाना में शामिल ग्राम छोटी करेली में दशहरा के अवसर पर रिछीन माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है। प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में दशहरा के अवसर पर हजारों हजार की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। विधासनभा चुनाव लड़ चुके निर्दलीय प्रत्याशी लेखराम भी अपने मित्र विकास साहू के साथ माता रिछीन देवी के दर्शन के लिए गए हुए थे।
चूंकि मंदिर में अत्यधिक भीड़ थी इसकारण बगैर दर्शन कर दोनों रात्रि में अपनी मोटर साइकिल से गांव लौट रहे थे। रात्रि के समय दोनों रास्ता भटक कर ग्राम डाभा पहुंच गए। डाभा पहुंचने के बाद दोनों ने कुरूद जाने का रास्ता एक महिला से पूछा। इसी दौरान दोनों युवकों को बच्चा चोर समझकर आसपास खड़े लोगों ने पीटना चालू कर दिया।
लेखराम साहू को अधमरा होते तक पीटा गया जबकि उसके दोस्त ने जैसे तैसे भागकर अपनी जान बचाई। मेला स्थल पहुंचे इस युवक ने घटना की जानकारी दी तो प्रधान आरक्षक गोपी चंद्राकर, कमलेश ध्रुव, गोपाल, कमल, गोविंदा आदि घटना स्थल पहुंचे और ग्रामीणों से घिरे लेखराम को पंचायत भवन में बंद कर उसकी जान बचाई। इस दौरान पुलिस को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
घटना की जानकारी मिलते ही जब थाना प्रभारी राजेश जगत दलबल के साथ मौके पर पहुंचे तो पंचायत भवन में बंद लेखराम साहू दर्द से करहा रहे थे। मौके पर लोगों को समझाते हुए टीआई जगत ने लेखराम को तत्काल अस्पताल भिजवाया। सरपंच कहते हैं कि वह भी माता के जगराता में व्यस्त थे तभी उन्हें खबर मिली तो वह मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा एक व्यक्ति को बेदर्दी से पीटा जा रहा था। ऐसा नहीं करने की सलाह लेने पर उनसे भी गाली गलौज की गई। अब पीडि़त पक्ष की ओर से थाने में लिखित शिकायत कराई गई है।
पुलिस पहुंची तो बच गई जान
अमूमन पुलिस से हमारी यही शिकायत रहती है कि वह समय पर नहीं पहुंचती लेकिन यहां उसके समय पर पहुंचने से एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की जान बच गई। दरअसल, कुरूद के ही इंदिरा नगर में बच्चा चोरी के ही शक में एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने घेर लिया था। वह तो भला हो पुलिस का जिसे समय रहते सूचना मिल गई और वह भी मौके पर तत्काल पहुंच गई इसकारण भीड़ आक्रामक नहीं हो पाई। टीआई प्रणाली वैद्य बताती हैं कि जिस संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लाकर पूछताछ की गई वह मूल रूप से ग्राम बोडरा का टीकाराम पिता देवनाथ पाल है। टीकाराम मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उसके परिजनों को बुलाकर टीकाराम को उनके सुपुर्द किया गया है।
बहरहाल, बच्चा चोर समझकर राह चलते राहगीरों से ग्रामीणों द्वारा मारपीट की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। भखारा थाना अंतर्गत गातापार में ही ग्रामीणों ने तीन साधुओं को बुरी तरह पीट दिया था। इसके बाद दुर्ग-भिलाई सहित रायपुर में भी इस तरह की घटनाएं घट चुकी है। पुलिस अपनी ओर से एडवाइजरी जारी कर अफवाह में नहीं आने की अपील कर रही है लेकिन ऐसी घटनाएं बार बार हो रही है।