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राजनांदगांव रेंज में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक सफलता हुई प्राप्त : विष्णु देव साय

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राजनांदगांव। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विश्राम गृह राजनांदगांव में पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन अंतर्गत खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले के थाना बकरकट्टा अंतर्गत आने वाले ग्राम कुम्ही में सीपीआई (मोओवादी) संगठन के 12 सक्रिय कैडरों द्वारा 10 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी के मुख्यधारा में शामिल होने के संबंध में पत्रकार वार्ता ली। इस दौरान उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ अरूण देव गौतम एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राजनांदगांव रेंज में नक्सल उन्मूलन की दिशा में यह ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि दशकों से छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से ग्रसित रहा है और इस कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास बाधित रहा है। नक्सलवाद के खिलाफ पहले भी लड़ाई लड़ी जा चुकी है। सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने वाले है। छत्तीसगढ़ में वीरता एवं साहस के साथ जवानों ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। डबल इंजन की सरकार होने का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों से 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जवानों के साहस से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सफलताएं मिल रही है और नक्सलवाद समाप्त हो रहा है। नक्सलवादियों का पुनर्वास किया जा रहा है। एमएमसी जोन अंतर्गत सक्रिय प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के सीसीएम सदस्य रामधेर उर्फ होरूपु उर्फ अमरजीत उर्फ देउ मज्जी सहित 12 शस्त्रधारी माओवादी हथियार सहित आज पुनर्वास हेतु समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
जिनमें रामधेर उर्फ होरूपु उर्फ अमरजीत उर्फ देउ मज्जी उम्र 53 साल सीसीएम एमएमसी जोन गढ़चिरौली महाराष्ट्र ईनाम – 1 करोड़ 5 लाख रूपए (एमएमसी जोन), चंदू उर्फ नरेश उर्फ चौतराम उर्फ देवचन्द उम्र 55 साल डीवीसीएम टाण्डा-मलाजखण्ड एरिया कमेटी सचिव व एलओएस कमांडर ईनाम – 33 लाख रूपए, अनीता उर्फ ललीता उर्फ जैनी उम्र 35 साल ग्राम मड़ीन्दापल्ली तहसील बामरगढ़ गढ़चिरौली महाराष्ट्र डीवीसीएम टाण्डा-मलाजखण्ड एरिया कमेटी ईनाम- 33 लाख रूपए, प्रेम उर्फ उमराव उम्र 32 साल ग्राम डबरी तहसील कोरची थाना बेड़गांव गढ़चिरौली महाराष्ट्र डीवीसीएम टाण्डा-मलाजखण्ड एरिया कमेटी ईनाम- 33 लाख रूपए, जानकी उर्फ प्रेमा उर्फ लिमी उम्र 35 साल ग्राम मड़ीन्दापल्ली तहसील बामरगढ़ डीवीसीएम टाण्डा – मलाजखण्ड एरिया कमेटी ईनाम – 33 लाख रूपए, रामसिंग उर्फ सम्पत उर्फ संजय उम्र 55 साल ग्राम राशिमेटा तहसील बैहर थाना रूपझर बालाघाट मध्यप्रदेश एसीएम – 14 लाख रूपए, सुकेश उर्फ रंगा उम्र 28 साल ग्राम पुसनार थाना गंगालूर बीजापुर छत्तीसगढ़ एसीएम – 14 लाख रूपए, शीला उर्फ वैसंती उर्फ सेवंती उम्र 29 साल ग्राम दोरनागुडा तहसील अट्टापल्ली थाना कसनसूर गढ़चिरौली महाराष्ट्र पीएम- 6 लाख रूपए, लक्ष्मी उर्फ मनिता उम्र 21 साल ग्राम पुस्कर तहसील भैरमगढ़ थाना गंगालूर पीएम- 6 लाख रूपए, योगिता उर्फ लक्ष्क्षी उम्र 22 साल ग्राम बड़े बट्टू थाना बासेगुढ़ा बीजापुर छत्तीसगढ़ पीएम – 6 लाख रूपए, सागर उर्फ रैनू उम्र 22 साल ग्राम बोगदेव तहसील ओरछा थाना कुकराझोर नारायणपुर छत्तीसगढ़ पीएम – 6 लाख रूपए, कविता उर्फ मासे उम्र 21 साल ग्राम कोन्डेसवेल थाना जगरगुण्डा सुकमा छत्तीसगढ़ पीएम – 6 लाख रूपए के इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और मुख्यधारा से जुड़े रहे है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सलवादी प्रदेश में नक्सली हिंसा छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ रहे है तथा आत्मसमर्पण कर रहे है। प्रदेश में नक्सलवादियों के पुनर्वास की नीति बहुत अच्छी है। इसका परिणाम यह है कि 2 वर्षों में 4000 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार हुए है और आत्मसमर्पण किया है। नई पुनर्वास नीति अंतर्गत आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए है। ऐसे ग्राम जहां नक्सलवादियों ने समर्पण किया है, वहां 1 करोड़ रूपए की लागत से विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्प खोले गए है। सुरक्षा बलों के निरंतर अभियान, ग्रामीण अंचलों में चलाए जा रहे विकास कार्यों, सड़क और परिवहन सुविधाओं के विस्तार, पानी-बिजली-नेटवर्क की उपलब्धता तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों में बढ़ते विश्वास और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जनसंपर्क व संवाद कार्यक्रमों का यह प्रत्यक्ष परिणाम है। इन प्रयासों से प्रेरित होकर नक्सलियों ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है और 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह कदम इस क्षेत्र में शांति स्थापना और नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद समाप्त करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इन क्षेत्रों में विकास पहुंचाना है। गोली, बारूद छोड़कर नक्सलवादी विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे है। आत्मसमर्पित नक्सलियों का संविधान पर विश्वास बढ़ रहा है। युवा नक्सलवाद से मुक्ति चाहते हंै। बस्तर ओलंपिक, पंडुम जैसी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष तौर पर ध्यान देते हुए लघु वनोपज का वैल्यू एडिशन, पर्यटन, पशुपालन, मत्स्यपालन एवं आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति, विकास कार्यों और सामुदायिक पुलिसिंग के परिणामस्वरूप नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग त्यागते हुए समाज में सम्मानपूर्वक जीवनयापन करने की मंशा से आत्मसमर्पण किया है। इस अवसर पर महापौर मधुसूदन यादव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव, कोमल सिंह राजपूत, एमडी ठाकुर, नीलकंठ गढ़े, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद, पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य, उप महानिरीक्षक (नक्सल आपरेशन) आईटीबीपी अनवर ईलाही, कलेक्टर जितेन्द्र यादव, पुलिस अधीक्षक श्रीमती अंकिता शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।