मेडिकल की शिक्षा व मेडिकल कॉलेज की दुर्दशा सुधारे सरकार : शाहिद भाई
राजनांदगांव। एमबीबीएस और स्नातकोत्तर में शपथ पत्र के साथ 25 और 50 लाख रूपये की प्रॉपर्टी गैरेन्टी की अनिवार्यता समाप्ति के लिए एवं राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी में प्रोफेसरो की कमी सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रूपेश दुबे ने राज्यपाल के नाम जिलाधीश संजय अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने बताया कि वर्ष 2015-16 में तत्कालीन रमन सरकार ने 1500 एमबीबीएस डॉक्टरों की पद विलोपन की कार्रवाही की थी, जिससे जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही है। साथ ही एमबीबीएस हेतु अध्यनरत छात्र-छात्राओं को प्रवेश के समय अब शपथ पत्र के साथ 25 लाख रूपये के एवं पीजी के लिए 50 लाख रूपये के प्रॉपर्टी की दस्तावेज देने की अनिवार्यता लागू की जा रही है, जो निम्न आय वर्ग के योग्य एवं प्रतिभाशाली बच्चों के साथ घोर अन्याय कारी निर्णय है, क्योंकि भारत देश के सभी राज्यों में बांड का प्रावधान अब बेमानी हो चला है, इससे यह प्रमाणित होता है कि भाजपा सरकार में मेडिकल शिक्षा की दुर्गति के साथ-साथ योग्यता पर भी प्रहार किया जा रहा है।
शाहिद भाई ने आगे बताया कि राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में कुछ दिनों पूर्व चिकित्सकों की नियुक्ति के नाम पर भाजपा सरकार वाहवाही लूटने का काम की है, लेकिन मेडिकल कॉलेज में जितनी फैकल्टी है, उसमें विशेषज्ञ प्रोफेसर की भी कमी होने के कारण यहां अध्यनरत छात्राओं को समूचित शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है, जिससे आने वाली पीढ़ी पर दुष्प्रभाव पढ़ने की पूर्ण संभावना है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमआरआई मशीन, सीटी स्कैन नहीं होने के कारण यहां भर्ती मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही साथ न्यूरो सर्जन, कार्डियोलॉजी, लिवर, किडनी के विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी स्थापना नहीं होने पर जिले सहित क्षेत्र की जनता को उत्कृष्ट सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में रेडियोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ एवं टेस्ट किट की भी कमी बनी हुई है, जिसके कारण राजनांदगांव, खैरागढ़, मोहला-मानपुर, दुर्ग, कवर्धा जिले की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है, इन सभी ज्वलंत मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंप कर निराकरण की मांग की गई है, जिस पर जिलाधीश ने सकारात्मक निर्णय हेतु पत्र प्रेषित करने की बात कही है।
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