खबरों की खबरछत्‍तीसगढ़

गाइडलाइन दरों में संशोधन से आम जनता को राहत, भाजपा अध्यक्ष ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

शेयर करें...

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में जमीन की गाइडलाइन दरों में बदलाव का जिला भाजपा अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने त्वरित निर्णय लिया है। इसी के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव सायं और वित्त मंत्री ओपी चौधरी को साधुवाद दिया।
श्री राजपूत ने बताया कि सोमवार को पुनरीक्षण संबंधी सुझावों, ज्ञापनों और प्रस्तावों पर व्यापक परीक्षण के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगरीय विकास, रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए। सरकार के इस फैसले से किसानों और आम नागरिकों को लाभ मिलेगा।
बैठक में नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। अब नगर निगम में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन होगा। इससे मूल्यांकन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी। वहीं बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान और कार्यालय के मूल्यांकन के लिए सुपर बिल्ट-अप एरिया का प्रावधान हटा कर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन करने का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवन और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान लागू किए हैं। बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल और उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए भूखंड दरों में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यह दूरी मुख्य मार्ग की ओर से मापी जाएगी।
श्री राजपूत ने कहा कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को निर्देशित किया है कि 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में सुधार के प्रस्ताव भेजें। इसके साथ ही जनता और जमीन व्यवसाय से जुड़े लोगों को अपनी शिकायतें लिखित रूप में देने की अपील की गई है, ताकि वास्तविक स्थिति के आधार पर न्यायसंगत मूल्यांकन हो सके।
उन्होंने कहा कि इन निर्णयों के तत्काल प्रभाव से लागू होने से राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।