कर्ज की राजनीति : कांग्रेस ने खोल दिया भाजपा सरकार के समय का चिट्ठा

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रायपुर.

खेती, किसान, युवा, महिलाएं, शराब के बाद लगता है अब कर्ज छत्तीसगढ़ का राजनीतिक विवाद का विषय बनता जा रहा है. भाजपा द्वारा प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाते ही कांग्रेस की ओर से तत्कालीन सरकार के समय लिए गए कर्ज का चिट्ठा खोल दिया गया.

भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार पर लगाए गए आरोपों को लेकर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोरोना के कारण विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी कांग्रेस सरकार अपने वायदों को पूरा करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है.

त्रिवेदी ने भाजपा सरकार के अंतिम चार साल 2014-2015, 2016- 2017, 2017-2018 में लिए कर्जों का ब्यौरा जारी करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सरकार ने 2014-15 से जनवरी 2018 तक रिजर्व बैंक से 18 हजार 350 करोड़ का कर्ज लिया था.

वर्षवार के गिनाए आंकडे़

उनके मुताबिक 2014 में 4 किस्तों में 2200, 2015 में 6 किस्तों में 5000, 2016 में 3 किस्तों में 1850 करोड़, 2017 में 5 किस्तों में 7200 करोड़ लिए गए थे. वर्ष 2018 में करीब 2200 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया गया है.

शैलेश ने कहा है कि 20 हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद भी भाजपा की रमन सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. 5 साल तक 300 रू. बोनस, 5 हार्सपावर पंपों को मुफ्त बिजली, हर आदिवासी परिवार से एक युवा को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय जैसे वायदों को नहीं निभाया.

4 साल में 18 हजार 350 करोड़ का कर्ज

उन्होंने कहा कि अपने अंतिम कार्यकाल के 4 साल में 20 हजार करोड़ का कर्ज लेकर भी 300 रू. बोनस और 2100 रू. समर्थन मूल्य नहीं दे पाने वाली भाजपा 2500 रू. समर्थन मूल्य देने वाली, किसानों की कर्जमाफी करने वाली कांग्रेस सरकार से किस मुंह से सवाल करती है?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष त्रिवेदी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 19 लाख किसानों का 11 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया. किसानों का धान 2500 रू. प्रतिक्विंटल में खरीदा. 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया.

उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि 260 करोड़ रूपए का सिंचाई कर माफ किया गया. तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. की गई. 5 डिसमिल तक जमीनों की बंद पडी़ रजिस्ट्री शुरू की गई.

जमीनों की दर में 30 फीसदी की कटौती की गई. डायवर्सन के नियम शिथिल किए गए.15 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई. सरकारी नौकरी में नई भर्तियां चालू की गईं. न्याय योजना के माध्यम से किसानों को धान के अंतर राशि का भुगतान किया जा रहा है.

लगभग 19 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड़ की पहली किश्त भी सरकार डाल चुकी है. किसानों को धान के बोनस के साथ 20 हजार 95 रूपए मिले हैं. खरीफ बीमा आरबीसी के तहत सहायता राशि दी गई है. 355 रू. समर्थन मूल्य से 250 करोड़ रू. की गन्ना खरीदी की गई.83.67 मिट्रिक टन धान के लिए 15 हजार 231 करोड़ का भुगतान हुआ.

12 हजार करोड़ की क्रेडिट लिमिट

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजीव किसान न्याय योजना के तहत किसानों को धान बोनस की दूसरी किश्त देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सिर्फ एक हजार 300 करोड़ लेने जा रही है. यह इस वित्तीय वर्ष में संस्थाओं से ली जा रही पहली राशि है.

भाजपा नेता यह जान भी लें और समझ भी लें कि छत्तीसगढ़ सरकार तो 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकती है. रिजर्व बैंक ने ही छत्तीसगढ़ सरकार को 12 हजार करोड़ की क्रेडिट लिमिट दी है. दूसरी ओर जीएसटी क्षतिपूर्ति और अन्य केंद्रीय योजनाओं को मिलाकर केंद्र से राज्य को दस हजार करोड़ मिले हैं. मनरेगा में जो राशि मिली है, उसमें काम देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस दिन छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करेगी, उसके दूसरे दिन तीजा पर्व है. इसके बाद गणेश चतुर्थी है. किसानों को त्योहारों से पहले राशि की आवश्यकता होती है.

कांग्रेस सरकार ने वायदों को पूरा किया है, कर रही है और करेगी. कांग्रेस सरकार ने यदि ऋण लेकर भी किसानों को ऋण मुक्त बनाया है तो इस पर पूरे छत्तीसगढ़ को गौरव है. कांग्रेस सरकार ने इसे कैसे पूरा किया है यह छत्तीसगढ़ के मतदाता बखूबी समझ रहे हैं. यह भाजपा का विषय नहीं है.

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