क्या आईजी बिलासपुर नजरदोष से पीडित..?

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रायपुर।

बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के बंगले में क्या वास्तुदोष है? क्या बिलासपुर आईजी नजरदोष से पीडि़त हैं? यह सवाल इसलिए किया जा रहा है क्यूंकि हाल फिलहाल बिलासपुर जाने वाला आईपीएस किसी न किसी विवाद में घिर के वहां से हटा है।

बिलासपुर के आईजी पद पर इस बार सरकार ने पुरुषोत्तम गौतम को पदस्थ किया है। गौतम ने रामनवमीं के दिन पदभार भी ग्रहण कर लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि गौतम इस बार अपना कार्यकाल विवादों से दूर रहकर पूरा करेंगे। हालांकि उनके सेवानिवृत्ति में बहुत ज्यादा समय नहीं है लेकिन जितना भी समय बाकी है वह शांतिपूर्वक बीत जाए इसकी कामना हर कोई कर रहा है।

जीर्णाेद्धार कराया और हुआ तबादल
बिलासपुर आईजी रहे विवेकानन्द सिन्हा ने बंगले का जीर्णाेद्धार कराया था। जीर्णाेद्धार के एक सप्ताह के बाद ही विवेकानन्द उस जगह पहुंच गए जहां वो जाना चाहते ही नहीं थे। उन्होंने बस्तर आईजी बनाए जाने की संभावना को देखते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट मना कर दिया था लेकिन फिर भी सिन्हा बस्तर आईजी बनाकर पदस्थ कर दिए गए।
इसके पहले पवन देव बिलासपुर आईजी पद पर थे। अमूमन विवादों से दूर रहने वाले देव ऐसे विवाद में घिरे हैं जिसका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है। एक महिला आरक्षक की शिकायत के बाद देव को बिलासपुर आईजी की कुर्सी छोडऩी पड़ी थी।

बंगला क्यूं कर आया चर्चा में
बताया जाता है कि देव ने बिलासपुर में पदस्थ रहने के दौरान आईजी बंगले में एक कक्ष निर्मित करवाया था। इस कक्ष में जिस दिन उन्होंने गृहप्रवेश किया उसके बाद हालात बद से बदतर होते चले गए। देव को अंतत: बिलासपुर से रवानगी डालनी पड़ी।
देव के पहले बिलासपुर आईजी रहे राजेश मिश्रा का कार्यकाल ठीक ठाक माना जाता है लेकिन वे भी बिलासपुर से खुशी-खुशी नहीं निकले थे। बताया जाता है कि मिश्रा को एक वर्ष पूर्व एडीजी पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद बिलासपुर आईजी के पद से मिश्रा की रवानगी हुई। मिश्रा एक ओर जहां समय पूर्व पदोन्नति पाकर खुश नहीं थे वहीं देव समय पर पदोन्नत न किए जाने के चलते निराश हैं।

एसपी की आत्महत्या, आईजी का तबादला
37 साल के राहुल शर्मा बिलासपुर एसपी हुआ करते थे। राहुल ने आत्महत्या कर ली थी। 12 मार्च 2012 का वह दिन था जब राहुल हम सबको छोड़कर चले गए थे। जाते-जाते राहुल पुलिस महानिरीक्षक और कुछ अन्य लोगों को विवादित कर गए थे।

बताया जाता है कि सुसाईड नोट में उन्होंने आईजी पर कमेंटस किया था। तब आईजी हुआ करते थे जीपी सिंह। सरकार ने जीपी सिंह को हटाकर मामला सीबीआई को सौंपा था। जीपी बाबू भी बिलासपुर आईजी बंगले का ज्यादा दिन सुख नहीं भोग पाए थे। हालांकि वह बाद में रायपुर आईजी बने जरुर लेकिन जब कभी राहुल शर्मा का नाम लोगों की जुबां पर आएगा तब जीपी सिंह का नाम जरुर विवादों से घिरा रहेगा।

आईजी के साथ जुडऩे वाले विवाद का सिलसिला आईपीएस बीएस मरावी की मौत के बाद शुरु हुआ। तब से आईजी का बंगला भी चर्चा में आ गया है। याद करिए बीएस मरावी को। मरावी को निर्विवाद पुलिस अफसर माना जाता था। उनकी आकस्मिक मौत सुर्खियां बन गई थीं। उन्हें तीन अप्रैल 2012 को बिलासपुर आईजी रहने के दौरान अचानक हार्ट अटैक आया था और इसी में उनकी मौत हो गई थी।

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