झारखंड कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया आरोप, नए नवेले विधायकों को खरीदने में लगी है बीजेपी
कांग्रेस विधायकों द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे आरोपों पर दीपक प्रकाश ने दिप्रिंट से कहा, किसी विधायक के कुछ भी कहने पर हम मान लेंगे क्या. मैं क्या मेरी पार्टी का कोई प्रवक्ता भी इस पर स्पष्टीकरण नहीं देगा.’
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रांची.
‘झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन वाली सरकार में बीजेपी सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. कांग्रेस पार्टी के चार नए नवेले विधायक इस मिशन के लिए उनके निशाने पर हैं.’
भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगा रहे हैं कांग्रेस झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव.
रामेश्वर उरांव ने कहा कि उनके कई विधायकों को बीजेपी पैसे का प्रलोभन दे रही है. राज्यसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें खरीदने की कोशिश की गई. लेकिन हमारे विधायक मजबूत कांग्रेसी हैं, वह इधर-उधर नहीं जाएंगे. बीजेपी पैसे के बल पर बेशर्मी की राजनीति कर रही है.
बुधवार को रांची स्थित अपने आवास पर बातचीत में उरांव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘राज्यसभा चुनाव के दौरान भी विधायकों को खरीदने की इसी तरह की कोशिश की गई थी. पैसा और पद देने के बदौलत सरकार बनाने का षडयंत्र रचा गया था.’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी सरकार गिराने की नाकामयाब कोशिश की गई. भाजपा ने एक व्यक्ति को माध्यम बनाकर सरकार गिराने की कोशिश की, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.
हालांकि राज्यसभा सदस्य और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश दिप्रिंट से खास बातचीत में कहते हैं ‘कांग्रेस के विधायक रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. वह अपने घर को संभालने का बजाय बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. वो खाद्य आपूर्ति मंत्री हैं, अपने विभाग का काम सही से संभाल नहीं पा रहे हैं. ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं.’
जब इसी बाबत दिप्रिंट ने कांग्रेस अध्य और जामताड़ा से विधायक डॉ. इरफान अंसारी से बात की. डॉ. अंसारी कहते हैं, ‘भाजपा कांग्रेस के विधायकों पर डोरे क्यों न डाले. ‘ वह आगे कहते हैं, ‘आरपीएन ने मेरे साथ धोखा किया है.
लोकसभा चुनाव के वक्त रांची एयरपोर्ट पर राहुल गांधी ने कहा था कि उनके पिताजी फुरकान अंसारी को राज्यसभा भेजेंगे. लेकिन आरपीएन ने नहीं होने दिया. यही नहीं, मैं एमबीबीएस डॉक्टर हूं, मेरे बजाय एक दसवीं फेल बन्ना गुप्ता को स्वास्थ्य मंत्री बना दिया.’
उन्होंने यह भी कहा कि, ‘आज अगर कांग्रेस सत्ता में है तो इसमें 17 प्रतिशत अंसारी समुदाय के वोटरों का अहम योगदान है. वो सब केवल मेरे कहने पर कांग्रेस को वोट करते हैं.’
बातचीत के दौरान कांग्रेस झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर ने जिन विधायकों के खरीदने के लिए फोन आने की बात कही थी दिप्रिंट ने उन्हें ढूंढ निकाला और सूत्रों से उनके बारे में जानकारी एकत्रित की और विधायकों से विशेषतौर पर बात की.
विधायकों ने माना उन्हें ऑफर हुआ था पैसा
सिमडेगा के कांग्रेसी विधायक भूषण बाड़ा ने स्वीकार किया कि राज्यसभा चुनाव के बाद उनसे संपर्क किया गया था.
उन्होंने बताया कि उन्हें फोन पर कहा गया कि पार्टी में उनलोगों को मान सम्मान नहीं मिलता है. अगर बीजेपी की सरकार आती है तो पूरा सम्मान दिया जाएगा.
भूषण बाड़ा ने कहा, ‘ मैंने कह दिया कि गलत जगह फोन किया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं एक सामान्य कार्यकर्ता से विधायक बना हूं, मैं इस बात को कभी भूल नहीं सकता.’
वहीं इसी तरह के फोन आने की बात कर रहे कोलेबिरा के विधायक विक्सल कोंगारी ने बताया, ‘उनके पास भी लगभग 15 दिन पहले फोन आया था. इतना पैसा का ऑफर दिया कि हम लोग तो इस जीवन में उतना पैसा के बारे में सोच भी नहीं सकते.
जब दिप्रिंट ने उनसे जानने की कोशिश की कि आखिरी कितना पैसा ऑफर किया गया और सामने फोन पर कौन था, इस सवाल के जवाब में कोंगारी ने कहा, ‘यह तो नहीं पता चला, लेकिन उसने कहा कि कांग्रेस में आप लोगों को इज्जत सम्मान नहीं मिल रहा है. हमारे साथ आइए, मंत्री भी बनाएंगे.’ पैसे की बात पूछे जाने पर विधायक ने कहा हम उतना पैसा बोल भी नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि, ‘फोन पर बात कर रहे व्यक्ति को मैंने कहा कि आपने गलत जगह फोन कर दिया है.’ वह आगे बताते हैं कि मैंने पहले तो उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब राजस्थान का मामला देखे तो समझ में आया कि यह खेल तो सही में खेला जा रहा था. हालांकि इसकी जानकारी मैंने प्रदेश नेतृत्व को तत्काल दे दी थी.
वहीं झरिया से विधायक पूर्णिमा सिंह ने कहा कि कई लोग गलतबयानी कर रहे हैं. चर्चा तो ये भी है कि मैं ही इन विधायकों को लेकर दिल्ली गई जो कि पूरी तरह से अफवाह है. मेरा तो साफ पूछना है कि जब मुझे जरूरत थी तब बीजेपी कहां थी. अब मैं कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीती हूं, वह भी अच्छे से. ऐसे में कांग्रेस छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है.
एक और विधायक दीपिका पांडेय ने कहा कि, ‘मैं इन सब मसलों पर बातचीत करने के लिए ऑथराइज्ड नहीं हूं.’
कांग्रेस विधायकों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर दीपक प्रकाश ने दिप्रिंट से कहा, किसी विधायक के कुछ भी कहने पर हम मान लेंगे क्या. मैं क्या मेरी पार्टी का कोई प्रवक्ता भी इस पर स्पष्टीकरण नहीं देगा.’
वह आगे कहते हैं, ‘कल को कोई किसी भी पार्टी के नाम पर फोन करे और कहे कि बीजेपी से बोल रहे हैं, इसका कोई प्रमाण है क्या. इस बात कोई मतलब ही नहीं है. इस प्रकार की हल्की बात अगर कोई विधायक कर रहा है तो गलत है ये.
कांग्रेसी हैं नाराज
झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में सत्ता पक्ष में जेएमएम के पास सीटें 29, कांग्रेस के पास 17 और आरजेडी के खाते में एक सीट है. बहुमत के लिए जरूरी 41 में से फिलहाल 47 सीटें सत्ता पक्ष के साथ हैं.
वहीं विपक्ष में बीजेपी के पास 26 सीटें, आजसू के पास 2 सीटें. इसके अलावा एक सीट वाम मोर्चा और एक शरद पवार की एनसीपी के पास एक है. दो निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव. दोनों ही राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया था.
दो सीट बेरमो और दुमका में उप-चुनाव होने हैं. प्रभात खबर अखबार के वरिष्ठ पत्रकार आनंद मोहन कहते हैं अगर किसी तरह की राजनीतिक उठापटक होगी भी तो उप-चुनाव के बाद ही हो सकती है. क्योंकि दुमका सीट हेमंत ने छोड़ी है, बेरमो कांग्रेस के खाते में थी.
दोनों ही जगहों पर नाक की लड़ाई है. सब कुछ इसके परिणाम पर ही निर्भर करेगा .बता दें कि कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के निधन से बेरमो सीट खाली हुई है. वहीं दुमका और बरहेट से चुनाव जीतने के बाद हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दी थी.
दुमका में जेएमएम की सीधी टक्कर बीजेपी से है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लुईस मरांडी ने हेमंत को चुनाव हराया था. इस बार वह चुनाव हार गई. वहीं बेरमो में बीजेपी के योगेश्वर महतो बाटुल को कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि उप-चुनाव में बेरमो सीट बीजेपी अपने सहयोगी पार्टी आजसू को दे दे.
जेएमएम- कांग्रेस और खटपट
ये तो हुई कांग्रेस के अंदरखाने की बात. उसके जेएमएम के साथ भी बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा. कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पहले ही हेमंत सोरेन के निर्णयों पर सवाल उठा चुके हैं.
बीते मई में उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि अगर राज्य सराकर कोई निर्णय लेती है तो उसमें गठबंधन के दलों को भी शामिल किया जाना चाहिए, पूछा जाना चाहिए. यही नहीं, सीएम के बयान के उलट उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कोरोना फैलाने में तब्लिगी जमात का हाथ है.
चर्चा थी कि अगर यही हाल रहा तो जेएमएम बीजेपी के साथ सरकार बना लेगी. लेकिन कोयला खदानों को निजी कंपनियों को देने के मसले पर हेमंत के सुप्रीम कोर्ट जाने से फिलहाल यह अभियान ठंढा पड़ गया है.
एक बार फिर दीपक प्रकाश कहते हैं, ‘राजनीति में आगे की बात गर्भ में रहती है. झारखंड के किसी बीजेपी नेता ने हेमंत से इस मसले पर संपर्क नहीं किया है. ज्यादा बेहतर हेमंत ही बता सकते हैं.’
इन सब के बीच हाल ये है कि बीते मंगलवार को पूरे राज्य में एक दिन में सबसे अधिक 257 कोरोना संक्रमित पाए गए. मंत्री मिथिलेश ठाकुर, विधायक मथुरा प्रसाद महतो कोविड वार्ड में भर्ती हैं. संक्रमितों का आंकड़ा चार हजार को पार कर गया है.
वहीं कुल 36 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी रांची के सदर अस्पताल में कोविड टेस्ट कराने आई गर्भवती महिलाओं को देर तक लाइन में लगना पड़ रहा है.
(साभार: दि प्रिंट / आनंद स्वतंत्र पत्रकार हैं.)