78 सफल अभ्यर्थियों के विरूद्ध 261 की हो गई नियुक्ति

शेयर करें...

नेशन अलर्ट.

97706-56789

रांची.

120 पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करने वाले झारखंड ऊर्जा विकास निगम ने एक अजीबों गरीब कारनामा किया है. 78 सफल अभ्यर्थियों के विरूद्ध उसने कुल जमा 261 की नियुक्ति कर ली है.

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब राज्य के महालेखाकार ने ऑडिट किया. ऑडिट के दौरान महालेखाकार ने इस तरह की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आपत्ति की है.

इसके बाद आईपीएस ए नटराजन की अध्यक्षता में छ: सदस्यीय कमेटी गठित की गई. इसी कमेटी की अनुशंसा पर 169 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है. इसके लिए उन्हें महज 15 दिनों की मोहलत दी गई है.

नियुक्ति के बारह वर्ष बाद देना होगा जवाब
महालेखाकार ने अपनी रपट में झारखंड ऊर्जा विकास निगम जिसे पहले झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के नाम से जाना जाता था कि विपत्र लिपिक, पत्राचार लिपिक, भंडार सहायक के 120 पदों पर 2007 में हुई परीक्षा पर सवाल उठाए थे.

बताया जाता है कि 2007 में विपत्र लिपिकों के 50 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन हुआ था. इस परीक्षा में 32 उम्मीदवार ही सफल घोषित हुए थे लेकिन 79 उम्मीदवारों को नियुक्ति मिल गई थी. 47 उम्मीदवार अधिक नियुक्त करने के बावजूद एसटी/एससी के 18 पद रिक्त रह गए थे.

इसी तरह का कारनामा पत्राचार लिपिक के 65 स्वीकृत पदों के लिए आयोजित हुई परीक्षाा में हुआ था. इसमें महज 42 उम्मीदवार सफल हुए थे जबकि 127 अतिरिक्त उम्मीदवारों को मिलाकर कुल 169 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो गई थी.

भंडार सहायक के लिए कुल जमा पांच पद ही थे. इसमें भी चार अभ्यर्थी ही परीक्षा में सफल हुए थे लेकिन 13 लोगों की नियुक्ति हो गई थी. इस तरह 120 पदों के लिए आयोजित हुई लिखित परीक्षा में 78 सफल अभ्यर्थियों के स्थान पर 183 अतिरिक्त अभ्यर्थियों को मिलाकर 261 नियुक्ति पा गए थे.

निगम के निगरानी एवं सुरक्षा विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ए नटराजन की अध्यक्षता में गत वर्ष 11 सितंबर को एक जांच कमेटी गठित की गई. कमेटी में तत्कालीन अभियंता प्रमुख रमेश ठाकुर सहित जीएम राकेश रोशन, एजीएम जैन प्रसाद, अनिल कुमार, विधि पदाधिकारी अरविंद कुमार सदस्य बनाए गए.

इसी समिति ने इस साल फरवरी में अपनी रपट सरकार को सौंपी है. समिति का मानना है कि संख्या 387 में तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. अब ऊर्जा विकास निगम ऐसे सभी लोगों को शोकॉज नोटिस देकर कार्यवाही की मंशा जता रहा है. कार्मिक विभाग के डीजीएम अशोक सिन्हा इस बात की पुष्टि करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *