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राजनांदगांव में टाइप-1 डायबिटीज रोगी सहायता समूह की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित

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राजनांदगांव। कलेक्टर जितेन्द्र यादव की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों के लिए पहली बार राज्य स्तरीय रोगी सहायता समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बच्चों के स्वास्थ्य प्रबंधन, उचित देखभाल और परिवारों के लिए मार्गदर्शन पर जोर दिया गया।

कलेक्टर यादव ने बच्चों और परिवारों से कहा कि टाइप-1 डायबिटीज चुनौतीपूर्ण बीमारी है, लेकिन सही उपचार और परिवार तथा समाज के सहयोग से बच्चों का जीवन सामान्य रूप से चल सकता है। उन्होंने बच्चों को अपने पढ़ाई और जीवन में सावधानी बरतने की सलाह दी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुरूचि सिंह ने कहा कि बाल मधुमेह से पीड़ित बच्चे सही उपचार और देखभाल से सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्होंने बच्चों की देखभाल और काउंसलिंग पर जोर दिया।

बैठक में विशेषज्ञों ने टाइप-1 डायबिटीज के कारण, लक्षण, इंसुलिन प्रबंधन, खानपान, स्कूल में देखभाल और दैनिक जीवन में आवश्यक सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही बच्चों और उनके परिवारों ने अपने अनुभव, चुनौतियां और सफलताएं साझा की, जिससे अन्य परिवारों में आत्मविश्वास बढ़ा और सीखने का अवसर मिला।

कार्यक्रम में संवाद आधारित चर्चा और प्रेरक सत्र भी आयोजित किए गए, जिससे बच्चों और अभिभावकों को बड़ी राहत मिली। उपस्थित परिवारों ने बैठक को अत्यंत उपयोगी बताया और भविष्य में इसे नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की।

इस बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष किरण साहू, सभापति अनिता मंडावी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न, राज्य एनसीडी नोडल डॉ. अभिजीत बैनर्जी, सिविल सर्जन डॉ. यूएस चन्द्रवंशी, यूनिसेफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राजनांदगांव जिले में यह पहल बाल मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने, गलत धारणाओं को दूर करने और परिवारों के बीच मजबूत सपोर्ट नेटवर्क तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। बैठक में कुल 21 मरीज और उनके परिवारजन शामिल हुए।