“और गूगल पर पास हो गया पप्पू”

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भोपाल।

कभी राहुल गांधी ने संसद में कहा था, ‘आप मुझे पप्पू कहिए, लेकिन आपको मेरी बात तो सुननी ही पड़ेगीÓ. और आज वाकई ऐसा हो रहा है. कभी राहुल गांधी के चुटकुले ढूंढने वाला युवा अब उनकी राजनीतिक सक्रियता और भविष्य में दिलचस्पी ले रहे हैं. युवा राहुल गांधी से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी सर्च कर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि सर्च का विषय कोई चुटकुला नहीं बल्कि उनसे जुड़ी गंभीर विषय है.

बीते एक माह के दौरान गुगल पर जिस तरह से मप्र के युवाओं की सोच राहुल गांधी को लेकर तेजी से बदली है। उससे वे अब तक हंसी मजाक के पात्र पप्पू की जगह गंभीर राजनेता राहुल के रूप में सर्वाधिक सर्च किए जा रहे हैं। इस तरह की सोच में बड़ा बदलाव प्रदेश के 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं में आया है।

यह खुलासा गूगल की आंतरिक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह पहला मौका है जब कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में अच्छी जानकारी यानी पॉजिटिव इंफॉरमेशन सर्च की गई है। इस तेजी से बदले ट्रेंड की जानकारी मिलने के बाद से भाजपा के आईटी सेल में हडक़ंप मचा हुआ है। इसके बाद से ही भाजपा में इसके तोड़ के लिए मंथन का दौर शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि इसके पहले गूगल पर गांधी के बारे में सर्चिंग के दौरान अक्सर अजीबो-गरीब तरह की जानकारी सर्च की जाती थी। मसलन राहुल गांधी ने आज ऐसा क्या कहा, जिसके बारे में जमकर खिल्ली उड़ रही है, या फिर मसखरे जैसी बात, देश-समाज, खेती-किसानी के उनके अनुभव आदि की कच्ची-पक्की बातें हुआ करती थी, किंतु पहली बार पिछले एक महीने के दौरान सर्चिंंग का ट्रेंड तेजी से बदला है।

बदलते ट्रेंड का क्या अर्थ?

  • राहुल गांधी को खासकर यूथ गंभीरता से ले रहे हैं
  • राहुल का हर मूवमेंट, उनके हर दौरे पर खास नजर
  • उनके बायानों को लेकर यूथ में कई तरह की जिज्ञासाएं
  • राहुल की अस्वीकार्यता के स्वीकार्यता में बदलने के संकेत
  • नकारात्मक कमेंट में आई कमी

मप्र में करीब डेढ़ करोड़ हैं युवा वोटर
मप्र की युवा वोटरों खासकर 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग की संख्या करीब डेढ़ करोड़ है। इसमें से 18-19 वर्ष के युवाओं की संख्या करीब 15 लाख 78 हजार है। वे पहली बार वोट देंगे। जबकि 20 से 29 वर्ष आयु वर्ग की संख्या एक करोड़ 37 लाख है। गूगल की अंदरूनी जानकारी में इसी आयु वर्ग में युवाओं में वह ट्रेंड देखने को मिला है। अबर इस बदलाव का सकारात्मक असर हुआ तो कांग्रेस को चुनाव में बड़ा फायदा संभव है।

कांग्रेस को भाजपा की बराबरी पर खड़ा किया
गूगल टीम से जुड़े सूत्रों के अनुसार मप्र में 18 से 28 वर्ष के युवाओं में राहुल गांधी के प्रति सकारात्मक सर्चिंग का ट्रेंड अचानक बढ़ गया है। पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में मप्र के युवाओं में कई तरह की सर्चिंग किया करते थे। मप्र के युवाओं में इस तरह की सर्चिंग का औसत (रेशियो) पहली बार भाजपा व कांग्रेस दोनों में बराबर-बराबर का आ आया है। इससे पहले राहुल गांधी को मप्र के युवा गंभीरता से नहीं लेते थे, इसके बजाए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्यादा तवज्जो देते थे। उनके बारे में एक-एक जानकारी सर्च की जा रही थी, किन्तु इस चुनाव में यह ट्रेंड बिल्कुल ही बदल गया है।

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