पाँच रूपए शुल्क वाला चिकित्सक !
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मांड्या. मेडिकल एजुकेशन में गोल्ड मेडलिस्ट रहे किसी डाक्टर की क्या फीस होगी . . ? सोचकर जवाब दीजिएगा क्यूं कि हजार पाँच सौ रूपए नहीं बल्कि महज पाँच रूपए में उपचार करने वाले चिकित्सक के बारे में आप नहीं जानते होंगे. जी हाँ, ऐसा चिकित्सक मौजूद है जो सिर्फ़ पाँच रूपए फीस पर उपचार कर रहा है.
कर्नाटक के एक जिले का नाम मांड्या है. यह मांड्याडा श्री शिरडी साईं बाबा मंदिर, मांड्या के कारण प्रसिद्ध रहा होगा लेकिन अभी इसकी प्रसिद्धि डॉ. एस.सी. शंकर गौड़ा के नाम से जुडी़ है. डाक्टर गौडा़ त्वचा रोग विशेषज्ञ बताए जाते हैं.
चार दशक से जारी है सेवा . . .
मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज से गौडा़ ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. वेनरोलॉजी एंड डर्मेटोलॉजी में उन्होंने डिप्लोमा प्राप्त किया.
यानिकि वह एक त्वचा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. पिछले करीब 38 सालों से वह बेहद मामूली शुल्क पर लोगों का उपचार करते आ रहे हैं. उन्होंने कभी शुल्क नहीं बढा़या.
गौडा़ बताते हैं कि निःस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें प्रेरणा मैसूर मेडिकल कॉलेज रिसर्च एंड इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रोफेसर डॉ. के. गोविंदा से प्राप्त हुई थी. बचपन में इँजीनियर बनने की चाहत रखने वाले गौडा़ परिवार की इच्छा के चलते चिकित्सा शिक्षा की ओर मुड़ गए.
बचपन में जब उन्होंने डॉ. गोविंदा को निःस्वार्थ सेवा करते हुए देखा, तो उन्हें यही विचार आया कि वे भी इस तरह की सेवा करें. पढा़ई पूरी करने के बाद उन्होंने गाँव में लोगों का उपचार करना शुरू कर दिया.
उन्होंने पाँच रुपए में परामर्श, जाँच और इलाज का एक पैकेज तैयार किया. 38 साल के बाद भी उन्होंने अपनी फीस कभी नहीं बढा़ई. आज भी वह उन्हीं पाँच रूपयों में सेवा कर रहे हैं जो वर्षों पहले लेते थे.
आप कभी भी डाक्टर गौडा़ को या तो सड़क किनारे या फिर खेतों के पास अपने मरीजों का उपचार करते देख सकते हैं. कभी कभी वह बेकरी के आसपास चिकित्सा करते दिखाई देते हैं.
उन्होंने कभी महँगी क्लीनिक का शौक नहीं पाला. महँगाई के इस दौर में बेहद मामूली शुल्क पर उपचार करने का कारण पूछे जाने पर वह कहते हैं कि लोग लाभान्वित हो रहे हैं तो मैंने शुल्क बढा़ने का विचार ही नहीं किया.
गौडा़ बताते हैं कि पहले वह तकरीबन दस लोगों का ही उपचार किया करते थे. फिलहाल इसमें जरूर इजाफा हुआ है. अब वह रोजाना दो सौ के आसपास मरीजों को देख लेते हैं.
अब तो मरीजों को डाक्टर गौडा़ से उपचार कराने लाइन में भी लगना पड़ता है. लेकिन इसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं है क्यूं कि वह ऐसे चिकित्सक से उपचार कराने आए हैं जिसकी फीस न केवल बेहद कम है बल्कि “जादुई हाथ” से वह उपचारित हो जाएँगे.