राधा वेंबू : पिता थे आशुलिपिक, बेटी ने रच दिया इतिहास

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चेन्नई.

जोहो कॉरपोरेशन . . . यही नाम है राधा वेंबू की कँपनी का. इसकी को फाउंडर रही राधा के पिता कभी कोर्ट में आशुलिपिक (स्टेनोग्राफर) हुआ करते थे. अपने भाई के साथ मिलकर कँपनी खडी़ करने वाली राधा ने फर्श को अर्श में बदलते तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. और आज वह 47500 हजार करोड़ की नेटवर्ध अर्जित करने वाली कँपनी की मालकिन हैं.

अभी हाल ही में हुरून इंडिया रिच लिस्ट 2024 का प्रकाशन हुआ था. इसमें राधा वेंबू भारत की सबसे अमीर सेल्फ मेड वुमेन बनी हैं.

जिस जोहो कॉरपोरेशन की को-फाउंडर राधा हैं वह एक टेक कंपनी है. उन्होंने आईआईटी से अध्ययन किया है. वह कँपनी की सीईओ का दायित्व सँभाल रही हैं.

राधा वेंबू का जन्म चेन्नई में 1972 में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई नेशनल हायर सेकेंड्री स्कूल से हुई थी. आईआईटी मद्रास से इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट की डिग्री लेने वाली राधा अमूमन लाइम लाइट से काफी दूर रहती हैं.

जोहो की स्थापना 1996 में अपने भाई श्रीधर वेंबू के साथ मिलकर राधा ने की थी जिसका मुख्यालय चेन्नई में स्थित है. शुरुआत में यही कँपनी एडवेननेट के नाम से जानी जाती थी जिसे बाद में बदलकर जोहो किया गया.

प्रोफेशनल लाइफ के अलावा राधा वेंबू सामाजिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहती हैं. उनका कार्य क्षेत्र ग्रामीण इलाके हैं जहाँ पर शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवाएँ बेहतर तरीके से उपलब्ध कराने में राधा सक्रिय हैं.

दरअसल, जोहो कारपोरेशन नामक सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की एक कँपनी के सहारे दुनियाभर में करोड़ों लोगों को अपनी अलग-अलग सर्विसेज देने का काम राधा और उनके भाई कर रहे हैं. जोहो मेल की प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर भी राधा काम कर रही हैं.

वो कॉरपस फाउंडेशन की डायरेक्टर भी हैं. जोहो ने अपनी बेहतर सेवाओं के सहारे ग्राहकों एक बड़ा समूह खड़ा कर लिया है. राधा की देखरेख में कँपनी ग्राहकों का विशेष ध्यान देती है.
(नेशन अलर्ट पर आगे छत्तीसगढ़ के अन्य उद्योगपतियों के बारे में पढिएगा.)

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