लोकप्रियता में मोदी पर भारी पड़े बृजमोहन, विजय व राठिया

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रायपुर. जीत के अंतर को यदि लोकप्रियता का पैमाना माना जाए तो इस पैमाने पर बृजमोहन अग्रवाल, विजय बघेल और राधेश्याम राठिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। तीनों ने जीतने बड़े अंतर से जीत हासिल की है वह बनारस की जीत को पीछे छोड़ गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की राजधानी रायपुर से भाजपा ने पहली बार प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा था। चुनाव में उतरते साथ बात ऐसी होती थी कि जीत का अंतर क्या होगा? अंततः बृजमोहन ने रिकार्ड तोड़ जीत हासिल की।
बृजमोहन को कुल जमा 10 लाख 50 हजार 351 वोट मिले। प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विकास उपाध्याय 4 लाख 75 हजार 66 मत से आगे नहीं बढ़ पाए। इस तरह बृजमोहन अग्रवाल ने 5 लाख 75 हजार 285 मतों से जीत हासिल की है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी जीत है।
दुर्ग संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने इस बार भी अपने सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा था। विजय को 9 लाख 56 हजार 497 मत मिले। कांग्रेस के राजेन्द्र साहू 5 लाख 18 हजार 271 मत प्राप्त करके विजय बघेल के हाथों 4 लाख 38 हजार 226 मतों से पराजित हो गए।
प्रदेश का औद्योगिक शहर रायगढ़ से भाजपा के राधेश्याम राठिया जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस की मेनका सिंह को 2 लाख 40 हजार 391 मतों से पटखनी दी है। राठिया को कुल जमा 8 लाख 8 हजार, 275 मत मिले थे। जबकि राजघराने की सदस्य मेनका सिंह 5 लाख 67 हजार 884 वोट ही प्राप्त कर पाई हैं।
मोदी की घट रही लोकप्रियता
लोकप्रियता के हिसाब से देखा जाए तो अग्रवाल, बघेल व राठिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहीं आगे नजर आते हैं। बनारस जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है से मोदी तीसरी मर्तबा चुनाव मैदान में थे। उन्होंने 2014 का चुनाव दो लोकसभा सीटों से लड़ा था।
तब नरेन्द्र मोदी को 5 लाख 81 हजार 22 वोट मिले थे जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी अरविंद केजरीवाल को 2 लाख 9 हजार 238 मत मिले थे। तब कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अजय राय अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। उस समय अजय को 75 हजार 614 मत मिले थे। मोदी ने केजरीवाल को 3 लाख 71 हजार 784 मतों से पराजित किया था। तब मोदी ने बनारस सीट अपने पास रखकर वड़ोदरा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
2019 में नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से बनारस से सांसद चुने गए थे। तब उन्हें 6 लाख 74 हजार वोट मिले थे। जीत का फासला 4 लाख 8 हजार मतों का था। उस समय भी उनका सामना अजय राय से ही था।
2024 के आते तक नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता कहीं न कहीं घटी है। तभी तो इस बार वह महज 1 लाख 52 हजार मतो से जीते हैं। इस बार नरेन्द्र मोदी को 6 लाख 14 हजार मत मिले। इस बार अजय राय ने उन्हें कड़ी टक्कर दी है। अजय को 4 लाख 60 हजार वोट मिले हैं।
2019 के मुकाबले 3.19 लाख वोट मार्जिन कम हुआ है। 2019 के मुकाबले 2024 में अजय राय ने जीत के अंतर को घटा दिया है। एक समय तो ऐसा भी था जब एक घंटे तक अजय राय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आगे चल रहे थे। अब जबकि मोदी तीसरी मर्तबा प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं तो उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना होगा।

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