मैदान के बाद परीक्षा में भी चौबे ने गाड़ा झंडा
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राजनांदगांव। हॉकी के मैदान के बाद परीक्षा में भी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रहे मृणाल चौबे ने एक तरह से झंडा गाड़ दिया है। उन्होंने प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर की कोचिंग एग्जाम में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह आयोजन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स (NIS) द्वारा किया गया था।
एनआईएस को एशिया का सबसे बड़ा खेल संस्थान माना जाता है। भारतीय खेलों के “मक्का” के रूप में लोकप्रिय भारतीय खेल प्राधिकरण भारत सरकार के इस शैक्षणिक संस्थान का कार्य खेलों को वैज्ञानिक तर्ज पर चलाना और उच्च क्षमता वाले कोच को तैयार करना है।
छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने बताया कि इस एक वर्षीय खेल शैक्षणिक अध्ययन के पाठ्यक्रम में स्पोर्ट्स साइंस, अन्य विषयों में सैद्धांतिक, व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने में मृणाल ने जो उत्कृष्टता हासिल की है उससे छत्तीसगढ़ हॉकी के खिलाड़ी लाभान्वित होंगे।
हॉकी के महासचिव मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि खेल और पढ़ाई में समन्वय बनाकर इन्होने नया कीर्तिमान रचा है। प्रथम श्रेणी मे आईसीएसई बोर्ड से दसवीं एवं 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् बीकॉम एवं एमबीए (मानव संसाधन) को भी प्रथम श्रेणी में पास किया है।
कैसा रहा खेल सफर
वर्तमान में कैग में पदस्थ राजपत्रित अधिकारी (असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर) के पद पर मृणाल पदस्थ हैं। वर्ष 2003 से 2013 तक भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए मृणाल ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे। एशिया कप 2008 -09 में गोलकीपर, सेंटर फॉरवर्ड खेलने एवं स्वर्ण पदक जीतने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम करने के साथ प्रतिष्ठित महंत राजा सर्वेश्वर दास अखिल भारीतय हॉकी प्रतियोगिता 2001 में सबसे कम उम्र महज 12 वर्ष के खिलाड़ी होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है।
मृणाल अपने कोचिंग कैरियर में हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मध्य प्रदेश महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर, राउंडग्लास हॉकी अकादमी पंजाब,उड़ीसा टीम, पंजाब खेल विभाग पटियाला एवं हॉकी छत्तीसगढ़ जैसे नामचीन टीमों को कोचिंग दे चुके हैं। इस दौरान उनके द्वारा प्रशिक्षित की गई टीमों ने कई पदक जीते हैं।
छत्तीसगढ़ शासन के सर्वोत्कृष्ट खिलाड़ी गुंडाधुर सम्मान, शहीद राजीव पांडे एवं शहीद कौशल यादव सम्मान से सम्मानित मृणाल छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट खिलाड़ी भी घोषित किए जा चुके हैं। अनेक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पदक जीत चुके हैं।