उद्योगों को तरसते नांदगाँव के बहादुर अली छग के कुबेर !

शेयर करें...

नेशन अलर्ट/9770656789

राजनांदगाँव.

15 साल तक प्रदेश को मुख्यमंत्री देने के बावजूद एक बडे़ उद्योग के लिए तरसते नांदगाँव के उद्योगपति बहादुर अली और सुल्तान अली के सहारे ही सही एक अच्छी खबर आई है. अली बंधु छत्तीसगढ़ के धनकुबेर माने जा सकते हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक सर्वे का आँकलन है जिसकी रपट इन दिनों सुर्खियाँ बटोर रही है.

उल्लेखनीय है कि नांदगाँव को बफर जोन का शहर माना जाता है. इसकी पूर्व दिशा की ओर दुर्ग-भिलाई, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, चाँपा, रायगढ़ जैसे शहर पड़ते हैं जहाँ का औद्योगिक विकास मायने रखता है.

इसी राजनांदगाँव की पश्चिम दिशा की ओर भंडारा, नागपुर, नासिक और मुंबई जैसे शहर पड़ते हैं जहाँ की औद्योगिक प्रगति हमारा मुँह चिढा़ती है. नांदगाँव में कभी बीएनसी मिल ( बँगाल नागपुर काटन मिल ) हुआ करती थी जिसका हूटर आज मस्जिद की शोभा बढा़ रहा है.

मिल के बँद होने के बाद आज तक राजनांदगाँव में किसी दमदार प्रोजेक्ट का आगमन नहीं हो पाया. बीच में जरूर लैंकों की गूँज सुनाई दी थी लेकिन वह भी उसी तरह कहीं खो गई जिस तरह से देश में यूपीए सरकार खोई. दरअसल, यूपीए के ही कार्यकाल में यहाँ लैंकों आया था जोकि आज बँद पडा़ है.

ठँडी़ हवा लेकर आए बहादुर-सुल्तान अली . . .

एक तरफ राजनांदगाँव बडे़ उद्योग के लिए तरस रहा है तो दूसरी तरफ यहीं के बहादुर अली-सुल्तान अली जैसे उद्योगपतियों ने ठँडी़ हवा का अहसास करवाया है. राजनांदगाँव की जूनीहटरी से निकल कर अली बँधुओं ने दुनियाँ को दिखा दिया है कि जहाँ चाह है, वहाँ राह है.

अली बँधुओं द्वारा स्थापित एबीस ने छत्तीसगढ़ और हिंदुस्तान में राजनांदगाँव का नाम रौशन किया है. और तो और अब एबीस एक्सपोर्ट इंडिया के अली बँधुओं के नाम से सारा जहाँ परिचित होने लगा है. इनकी फर्म ने दुनियाँ के अमीर व्यक्तियों के मूल्यांकन करने वाली मान्यता प्राप्त सँस्था हुरुन की रपट में जगह बनाई है.

हिंदुस्तान के अलावा लक्जमबर्ग, कनाडा, जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जैसे देशों में सक्रिय हुरुन की स्थापना 1998 की बताई जाती है. इसी हुरुन की एक सर्वे रपट आई है जिसमें छत्तीसगढ़ के सात उद्योगपतियों के नाम शामिल हैं.

किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि उन्हें यह पता चले कि छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक अमीर व्यक्तियों में राजनांदगाँव के अली बँधुओं के नाम शामिल हैं. पहले और दूसरे क्रम पर क्रमशः बहादुर और सुल्तान अली के नाम हुरुन रपट में हैं.

दोनों भाईयों के नाम 4 हजार 8 सौ करोड़ की सँपत्ति . . .

हुरुन रपट में एबीस एक्सपोर्ट इंडिया के बहादुर अली की सँपत्ति 4 हजार 8 सौ करोड़ रूपए आँकी गई है. वह छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर व्यक्ति हैं. अमीरों की सूची में उनका नाम देश में 549वें नँबर पर बताया गया है.

दूसरे स्थान पर उनके ही भाई सुल्तान अली का नाम शामिल बताया गया है. रैंक और दौलत के मामले में वह अपने भाई बहादुर अली के साथ ही बैठते हैं. अली बँधुओं के बाद ही तीसरे क्रम से ऐसे समाज के उद्योगपतियों के नाम आते हैं जोकि पुश्तैनी समय से व्यवसाय से जुडे़ रहे हैं.
( नेशन अलर्ट पर कल पढिएगा शेष उद्योगपतियों की कहानी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *