देश स्वतंत्र हुआ, मानसिकता नहीं . . .

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क्या वाकई सेनानी के परिवार को अनशन करना ही पडेगा ?

नेशन अलर्ट/9770656789

रायपुर.

आजादी के अमृत महोत्सव के समय यदि किसी स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों को अनशन की चेतावनी देनी पडे़ तो इसे आप क्या कहेंगे ? क्या हम और हमारी मानसिकता स्वतंत्र है ? इसका जवाब नेशन अलर्ट, कलेक्टर और चीफ सेक्रेटरी से माँगने की कोशिश में लगा हुआ है. फिलहाल दोनों ने ही अपने मोबाइल पर दी गई घंटी को शायद नहीं सुना है.

ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार ने 32 वें जिले के रूप में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ( एमसीबी ) का गठन किया था. यह जिला 9 सितंबर 2022 को अस्तित्व में आया. तब सरकार की सोच थी कि वह और उसका प्रशासन दीनहीन जनता की दुख तकलीफों को दूर करने उनके और नजदीक पहुँचेगा.

नवगठित जिले के प्रथम जिलाधीश पीएस ध्रुव (आईएएस) बनाए गए थे. फिलहाल यह जिम्मेदारी डी. राहुल वेंकट ( आईएएस ) के कँधों पर है जोकि साल की शुरूआत से ही वहाँ पदस्थ हैं.

किसने दिया ज्ञापन, क्या था हाथों में ?

सप्ताह के पहले दिन जब कलेक्टर राहुल वेंकट अपने दफ़्तर में बैठे थे तब उनसे मिलने एक महिला और एक युवक आए थे. महिला के हाथों में एक तस्वीर भी थी. युवक, कलेक्टर से बात कर रहा था.

महिला ने अपना परिचय देते हुए बताया कि वह दया जैन है. साथ आया युवक उसका पुत्र विशाल जैन है. दया के हाथों में जिस व्यक्ति की तस्वीर थी वह किसी और की नहीं बल्कि उसके ससुर स्वर्गीय मौजीलाल जैन की थी जोकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं.

दया और विशाल के बताए मुताबिक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे मौजीलाल जैन को शासन द्वारा वर्ष 1974-75 में सम्मान के रूप में जमीन दी गई थी. जमीन तो सरकार से मिल गई लेकिन आज तक उसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाया.

देश के लिए लड़ने वाले मौजीलाल जैन की बहू दया व पोते विशाल ने कलेक्टर डी राहुल वेंकट को एक ज्ञापन भी दिया है. इसमें उन्होंने उचित कार्रवाई करने सहित सम्मिलित खाते की भूमि पर हक दिलवाए जाने की मांग की है. अन्यथा उन्होंने 14 अगस्त से आमरण करने की बात कही है.

कलेक्टर-सीएस से नहीं हो पाई बात

नेशन अलर्ट ने मामले की जानकारी होते ही उसकी गँभीरता को समझा. सबसे पहले कलेक्टर के मोबाइल नंबर पर शाम सवा पाँच बजे काल किया गया. चूंकि काल अटैंड नहीं हो पाई इस कारण मुख्य सचिव अमिताभ जैन से संपर्क किया गया.

दुर्भाग्य से सीएस जैन साहब भी फोन नहीं उठा पाए. बिना बेचैन हुए फिर उन्हें उनके नंबर पर एक संदेश दिया गया. शाम को पाँच बजकर 53 मिनट पर जब काल रिसीव नहीं कर पाए तो सीएस के मोबाइल पर संदेश 6 बजकर 08 मिनट पर देते हुए प्रतिक्रिया माँगी गई थी.

इधर, कलेक्टर राहुल वेंकट को भी सात बजकर 20 मिनट पर वाट्सऐप करते हुए नेशन अलर्ट ने श्रीमती दया जैन द्वारा दिए गए ज्ञापन पर क्या कुछ हुआ जानना चाहा लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है.

बहरहाल, देश की आजादी के पर्व के ठीक एक दिन पहले यदि दया और विशाल जैन आमरण अनशन पर बैठते हैं तो इससे बडा़ दुर्भाग्य और क्या हो सकता है ? काश उन्हें ऐसा न करना पडे़.

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