बांग्लादेश और भारत की संस्कृति में जमीन आसमान का अंतर है : खूबचंद पारख

शेयर करें...

राजनांदगांव। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख ने आज विपक्ष एवं कांग्रेसियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्तमान में भारत को अस्थिर करने के लिए विपक्ष एवं खास करके कांग्रेसी मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं, कि किस तरह से मोदी एवं भारत को कमजोर किया जाए।
श्री पारख ने कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण के चलते मचे बावल में विदेशी शक्तियों ने भारत को अस्थिर करने के लिए सुनीयोजित षड्यंत्र रचा है, जिसके तहत टारगेट करके बांग्लादेश में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, ताकि भारत में इसकी प्रतिक्रिया हो और भारत अस्थिर हो। इस षड्यंत्र में कहीं ना कहीं कांग्रेस की टूल किट भी जुड़ी हुई है। यही कारण है कि संसद में बार-बार राहुल गांधी देश में आग लग जाएगी का राग अलापते रहते हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा करते हुए पारख ने कहा कि इस पर राजनीतिक एक्शन देश में बैठी मोदी सरकार जरूर लगी, परंतु भारत का सामाजिक ताना-बाना हिंदू संस्कृति की जड़ों से बुना हुआ है, इसलिए यहां सहिष्णुता के साथ सभी वर्ग रह रहे है, जिससे विखंडित करने का कुछ कट्टरपंथी भी समय-समय पर करते रहते हैं जिसमें ओवैसी जैसे लोग भी शामिल होते हैं, परंतु इसके बावजूद भी कुछ बात है, भारत की संस्कृति में जो अनादि काल से बनी हुई है।
श्री पारख ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते जो घटनाएं हो रही हैं, उन घटनाओं की पुनरावृत्ति को भारत में दोहराने का सपना देखने वाले तथाकथित विदेशी मूल के कांग्रेसी लोग अब भारत को भी अस्थिर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन वे लोग नहीं जानते कि भारत की प्राचीन संस्कृति और और उसकी विरासत अनादिकाल से इसलिए बनी हुई है, क्योंकि हिंदू धर्म-सर्वे भवंतु सुखीना, सर्वे संतु निरामया के सिद्धांत पर पूरे विश्व का भला चाहता है, इसलिए साधु सन्यासी एवं धार्मिक प्रवचनकर्ताओं ने सुखी जीवन के लिए त्याग तपस्या को महत्व दिया है, परंतु हिंदू धर्म का इतिहास त्याग तपस्या के साथ बलिदान का भी है।
श्री पारख ने कहा कि कांग्रेस और विदेशी ताकतों तथा देशद्रोहियों द्वारा लगातार बांग्लादेश के दृश्य को खतरनाक तरीके से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है, ताकि भारत में भी हिंदू-मुसलमानों में अराजकता फैले। पारख ने कहा कि आज देश के प्रबुद्ध जन बांग्लादेश की घटना से चिंतित एवं दुखी हैं, क्योंकि दरिंदों एवं राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का कोई धर्म नहीं होता, वह केवल मानवता को नष्ट करना चाहते हैं, जिस इस्कॉन मंदिर को बांग्लादेश के अराजक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया, उन्हीं से हजारों लोगों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन कराया जाता था, परंतु आज दरिंदों के सामने कोई भजन, ढोल, नगाड़ा काम नहीं आया। ऐसे लोगों के सामने शास्त्र नही बल्कि शस्त्र चलाने की आवश्कता होती है, जिस देश में शास्त्र और शस्त्र का एक साथ समन्वय नही सिखाया जाता वहां तो राष्ट्र और धर्म की रक्षा नहीं हो सकती।
श्री पारख ने कहा कि आज हमारी दोहरी भूमिका है एक तरफ हमें सजग होकर राष्ट्र धर्म को भी निभाना है और दूसरी तरफ अपने घर परिवार को मजबूत करने के लिए समान विचारधारा की शक्तियों को एकता के सूत्र में पिरोकर ऐसी स्थिति से बचने के लिए संगठित करने का कार्य भी करें और विदेशी शक्तियों से के षड्यंत्र से बचने का भी।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *