हरा सोना : बकावंड ने साढे़ पाँच करोड़ प्राप्त कर रचा इतिहास

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रायपुर.

बस्तर के हरा सोना (तेंदूपत्ता) संग्राहकों को बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से सीधे पारिश्रमिक राशि मिल रही है. अकेले बकावंड ब्लाक के संग्राहकों ने इस साल तकरीबन साढे़ पाँच करोड़ अर्जित कर इतिहास रच दिया है.

तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे 36 हजार से अधिक संग्राहकों को कुलजमा 12 करोड़ रुपए से ज्यादा पारिश्रमिक राशि का भुगतान हुआ है. यह आँकडा़ सीजन 2024 का है.

कैसे पडा़ नाम. . .

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को हरा सोना माना जाता है. दरअसल, वनांचलवासियों की अतिरिक्त आय का मुख्य जरिया तेंदूपत्ता ही है. इस कारण इसे हारा सोना भी कहा जाने लगा.

गर्मी के दिनों में जब ग्रामीणों के पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर भरपूर पारिश्रमिक देता है. प्रदेश के वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा की दर में हुई वृद्धि ने यहाँ खुशियां जगा दी है.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा तेंदूपत्ता की प्रति मानक बोरा संग्रहण राशि 5500 रुपए कर दी गई है. बढी़ हुई राशि का भुगतान भी होने लगा है. इससे संग्राहक खुश है.

तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि स्थानीय स्तर पर बैंक सखियों के माध्यम से मिल रही है. फल स्वरूप विशेषकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के संग्राहकों को बहुत सहूलियत हो रही है.

बस्तर जिले के अंदरूनी इलाके के संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान बैंक मित्र और बैंक सखियों के माध्यम से किया जा रहा है. बस्तर में सीजन 2024 में संग्रहित तेंदूपत्ता का 36 हजार 229 संग्राहकों को भुगतान होना बताया गया है.

मतलब इस बार इन्हें कुल 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए बतौर पारिश्रमिक मिले हैं. इस राशि को संग्राहकों ने अपने गाँव में मौजूद बैंक मित्र एवं बैंक सखियों की मदद से प्राप्त किया है. यह उनकी दोहरी खुशी का कारण भी है.

बैंक मित्र पखनार रामो कुंजाम बताते हैं कि वे 05 ग्राम पंचायतों के भुगतान प्रभारी हैं. उनके द्वारा 250 से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जा चुका है.

लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के कस्तूरपाल के बैंक मित्र सामू कश्यप भी अब तक 50 से अधिक संग्राहकों को भुगतान कर चुके हैं. बस्तर विकास खंड अंतर्गत भानपुरी की बैंक सखी जमुना ठाकुर ने 56 से ज्यादा संग्राहकों को भुगतान किया है.

बकावंड ब्लॉक के डिमरापाल की बैंक सखी तुलेश्वरी पटेल भी भुगतान करने निकली हैं. अब तक उन्होंने डिमरापाल एवं छिंदगांव के 90 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान किया है. इस पेटे वह डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान कर चुकी हैं.

वन मंडलाधिकारी (डीएफओ ) एवं प्रबंध संचालक जिला सहकारी यूनियन जगदलपुर का दायित्व इन दिनों उत्तम गुप्ता के पास है. वे बताते हैं कि जिले के सभी 07 विकास खंडों के अंतर्गत 15 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियाँ आती हैं.

डीएफओ गुप्ता के बताए मुताबिक इन समितियों से
36 हजार 229 संग्राहक जुडे़ हुए हैं. इन्होंने 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए बतौर पारिश्रमिक कमाए हैं. इस राशि का अपने गाँव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से संग्राहक द्वारा भुगतान प्राप्त किया जा रहा है.

लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के 13 ग्राम पँचायतों में 1947 संग्राहक आते हैं. इनको 79 लाख 47 हजार 665 रुपए बाँटे जाने है. वितरण की प्रक्रिया चल भी रही है.

तोकापाल विकास खंड की एक ग्राम पंचायत के 76 संग्राहकों को 03 लाख 36 हजार 193 रुपए बाँटे गए हैं. इसी तरह बास्तानार ब्लॉक की 22 ग्राम पंचायतों के 1831 संग्राहक 79 लाख 69 हजार 995 रुपए से लाभांवित हुए हैं.

जबकि बस्तर विकास खंड के 65 ग्राम पंचायतों के 10 हजार 78 संग्राहकों को 02 करोड़ 68 लाख 72 हजार 736 रुपए बाँटने का दौर जारी है. दरभा ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायतों के 1782 संग्राहकों को एक करोड़ 37 लाख 71 हजार 934 रुपए मिलने हैं.

बकावंड विकास खंड के 86 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 510 संग्राहकों को 05 करोड़ 45 लाख 47 हजार 614 रुपए पारिश्रमिक राशि का भुगतान स्थानीय बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है. इससे जहाँ ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान प्राप्त करने में सुविधा हुई, वहीं इन बैंक सखियों को भी अच्छी राशि बतौर कमीशन मिली है.

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