नक्सलियों के लेव्ही वसूली एजेंट्स को पकड़ फार्म में लौट आए मोहला एसपी

शेयर करें...

नेशन अलर्ट/9770655789

मोहला-मानपुर/राजनांदगाँव.

फार्म अप एंड डाउन होते रहती है लेकिन क्लास परमानेंट होती है. इसका एक बार फिर उदाहरण यहाँ पदस्थ पुलिस अधीक्षक (एसपी) वायपी सिंह ने दिया है. उन्हीं के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नक्सलियों के लिए लेव्ही वसुलने वाले चार सहयोगियों की गिरफ्तारी कर अपने रेंज आईजी को अपनी पीठ थपथपाने के लिए मजबूर कर दिया है.

दरअसल, सिंह के लिए अविभाजित राजनांदगाँव जिला पूर्व परिचित है. यहाँ वह रमन सरकार के समय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रह चुके हैं.

तब एक तरह से नक्सल आपरेशन की कमान वायपी ही सँभाला करते थे. क्या साल्हेवारा और क्या मानपुर, औंधी जैसा बुरी तरह से नक्सल प्रभावित जंगल का इलाका. . . अंदर और बाहर हर तरफ वायपी सिंह ने अपने मुखबिर तैयार किए थे.

इस बीच वायपी को जिले से थोड़े दिनों के लिए बाहर रहना भी पडा़. जब आईपीएस एवार्ड हुआ तो एक बार फिर उनकी पोस्टिंग प्रदेश की नई सरकार के बनते ही मोहला क्षेत्र में हुई जोकि अब जिला बन चुका था.

नहीं चूके हैं चौहान . . .

आईपीएस बनते ही पुराने जिले ( रेंज ) में वायपी सिंह बतौर एसपी पदस्थ हुए. शुरूआती समय में उन्हें जब कोई बडी़ सफलता नहीं मिली तो उन्हें जानने वाले कहा करते थे कि चूक गए चौहान. . .

लेकिन आज की सफलता ने साबित कर दिया है कि नहीं चूके हैं चौहान. सफलता भी इतनी बडी़ कि 75 किलोमीटर दूर बैठे आईजी को पत्रकार वार्ता लेने मोहला आना पडा़.

नांदगाँव आईजी दीपक झा ने प्रेस कांफ्रेंस में पकड़े गए आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करने के साथ उनकी गतिविधियों का भी पर्दाफाश किया. पकड़े गए आरोपियों में मानपुर निवासी विवेक के अलावा बीजापुर जिले के चार नक्सल सहयोगी भी शामिल हैं.

इनके नाम सोनाराम फरसा (28) पिता स्वर्गीय पांडूराम फरसा, विजय (32) पिता स्वर्गीय संतूराम जुर्री, रामलाल (35) पिता तुपाराम करमा और राजेंद्र (30) पिता स्वर्गीय बुगुर कड़ती बताए गए हैं. इस सबने क्या, कुछ, कैसे और कब कब किया इस पर से भी पर्दा उठाया गया है.

जिले में एक थाना है मदनवाड़ा. . . इसी थाने में नक्सल सहयोगी सूरजू राम टेकाम के मामले की विवेचना क्रम में ज्ञात हुआ कि वह संगठन की विचारधारा के प्रचार – प्रसार एवं शहरी नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है.

एसपी सिंह के नेतृत्व में पुलिस खबर के पीछे लग गई. तब ज्ञात हुआ कि भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (माओवादी) संगठन द्वारा पर्दे के पीछे से प्रायोजित ऑपरेशन कगार, कार्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के विरोध में 23 मार्च 2024 को कार्यक्रम था, जिसमें सम्मिलित होने के लिए टेकाम 22 मार्च को फ्लाइट के माध्यम से रायपुर से दिल्ली गया था.

जंगल का आदमी यदि फ्लाइट से दिल्ली जाए तो कान खडे़ होते ही हैं. तब पुलिस को पता चला कि दिल्ली जाने के लिए नक्सलियों के लेव्ही से प्राप्त रुपयों का उपयोग हुआ है. इन्हीं पैसों से सूरजू राम एवं सोनाराम फरसा के लिए टिकट बुक कराई गई थी.

सोनाराम को सूरजू के द्वारा संपर्क किया गया था. टेकाम ने तब दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट टिकट एवं यात्रा खर्च के लिए नक्सलियों की लेव्ही से प्राप्त रुपए में से कुछ भेजने के लिए फरसा से बोला था.

पुलिस यह तक पता लगा चुकी थी कि साथ में चलने के लिए टेकाम ने ही सोनाराम से कहा था. तब सोनाराम ने ठेकेदार से प्राप्त नक्सलियों के लेव्ही रुपए में से अपने खाते के माध्यम से सूरजू राम टेकाम के बताए खाते पर पैसे भेजे थे.

तब सूरजू राम टेकाम ने उस अकाउंट से फ्लाइट टिकट बुक करने के लिए विवेक सिंह को पैसे भिजवाए. विवेक वही व्यक्ति है जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री के पिताजी का सहयोगी हुआ करता था.

सूरजू के कहने पर ही विवेक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार सहयोग कर रहा था. अलग-अलग माध्यम से वह एक दूसरे के संपर्क में होने के साथ ही सहयोगी बना हुआ था.

तेंदूपत्ता ठेकेदारों से होती थी वसूली. . .

बताया जाता है कि नक्सलियों के द्वारा भैरमगढ़ सहित मोहला-मानपुर क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को जान-माल का नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर उनसे इस तरह की वसूली की जा रही थी.

सोनाराम फरसा, विजय जुरी, रामलाल करभा और राजेंद्र कड़ती के माध्यम से यह खेल खेला जा रहा था. इन चारों को वर्ष 2022 में एक करोड़ रुपए लेव्ही वसूलने का टारगेट नक्सलियों की ओर से दिया गया था.

इसके लिए मोहला-मानपुर, भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदार से जंगल क्षेत्र में काम करने के एवज में नक्सलियों ने लाखों रुपयों की लेव्ही वसूली थी.

आरोपियों ने अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से लेव्ही के तकरीबन 60 लाख रुपए प्राप्त किए थे. बाद में बैंक से नगदी निकालकर नक्सलियों को पहुंचाने का कार्य किया था. राजेंद्र का बड़ा भाई मोहन कड़ती कुख्यात नक्सली कमांडर है.

मोहन कड़ती को भैरमगढ़ क्षेत्र में एक्टिव बताया जाता है. मोहन के ही इशारे पर सभी कई सालों से ठेकेदारों से लेव्ही वसूल रहे थे. वसूले गए इन्हीं रूपयों से राशन, दवाई व अन्य जरूरत की सामग्री की आपूर्ति नक्सलियों को की जाती थी.

नक्सल विरोधी अभियान अंतर्गत पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव दीपक झा (आईपीएस) के निर्देशन, जिला मोहला – मानपुर – अंबागढ़ चौकी पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर (आईपीएस), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीतांबर पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) डीसी पटेल के दिशानिर्देश में एसडीओपी मयंक तिवारी द्वारा माओवादियों के खिलाफ यह सफल कार्रवाई की गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *