शासकीय अस्पतालों का मर्ज सुधारने संविदा चिकित्सकों का सहारा

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रायपुर. प्रदेश के शासकीय चिकित्सालय बिना चिकित्सकों के बीमार हुए जा रहे थे. अब इनका मर्ज संविदा चिकित्सक सुधारेंगे. राज्य को उसके पहले पारंपरिक त्योहार हरेली के दिन 535 संविदा चिकित्सकों की सेवा मिल गई जिससे पर्व की खुशियाँ दोगुनी हो गई हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सरकारी अस्पतालों की बीमारी को लाइलाज होने के पहले ही उसे दूर करने की ठान रखी है. उन्हीं की पहल पर हरेली के दिन ऐसी खुशी मिली जिससे जरूरतमंद अस्पताल झूम उठेंगे.

नांदगाँव संसदीय क्षेत्र को मिले 53 चिकित्सक. . .

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर पदस्थापना आदेश जारी कर दिए गए हैं. आदेश को देखने से पता चलता है कि राजनांदगाँव संसदीय क्षेत्र को कुलजमा 53 चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध हो गई है.

जिनमें से अकेले नांदगाँव जिले को 22 संविदा चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध होने जा रही है. संसदीय क्षेत्र में शामिल दूसरे बडे़ जिले कवर्धा (या फिर कबीरधाम कहें) को 20 अनुबंध आधारित डाक्टर्स मिलेंगे.

इनके अलावा खैरागढ़ – छुईखदान – गंडई जिले को ऐसे ही 8 चिकित्सक मिलने जा रहे हैं. जबकि मोहला – मानपुर – अंबागढ़ चौकी जिले को 3 संविदा आधारित चिकित्सकों की मदद मिलेगी.

एमसीबी की सेहत सुधारेंगे 16 . . .

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उस जिले से आते हैं जहाँ कई तरह की परेशानियों से वहाँ के नागरिक घिरे हुए हैं. इनमें से सेहत भी एक मसला है. उसी की देखभाल के लिए सरकार में सेहत संभाल रहे जायसवाल अपने जिले एमसीबी यानिकि मनेंद्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर जिले में 16 ऐसे डाक्टर्स ले गए हैं जो संविदा में काम करेंगे.

इसी तरह बालोद जिले में 22 संविदा चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है. बेमेतरा को 10 ऐसे चिकित्सक मिले हैं.

धमतरी में 6 संविदा चिकित्सक तैनात किए गए हैं. अकेले दुर्ग जिले में 55 संविदा चिकित्सक अपनी सेवा देंगे. सीमावर्ती गरियाबंद जिले में 6 संविदा चिकित्सक रखे गए हैं.

महासमुंद में 34 चिकित्सा अधिकारियों की जिनकी सेवा संविदा आधारित है, मिलने जा रही है. प्रदेश की राजधानी रायपुर को 42 संविदा चिकित्सक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

बलौदाबाजार-भाटापारा को 3 चिकित्सक उपलब्ध करवाए गए हैं. सारंगढ़ – बिलाईगढ़ में 15 संविदा चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है. प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर को 22 ऐसे डाक्टर्स मिल रहे हैं.

कोयले को लेकर देश में चर्चित जांजगीर-चांपा जिले में 12 संविदा चिकित्सक लगाए गए हैं. आदिवासी बहुल गौरेला-पेंड्रा-मारवाही में 4 संविदा चिकित्सक भेजे गए हैं.

एक अन्य कोयला नगरी कोरबा में 32 संविदा चिकित्सक भेजे जा रहे हैं. मुंगेली में 3 तो रायगढ़ में 42 अनुंबध आधारित डाक्टर्स सेवा देंगे जबकि सक्ती को सिर्फ़ एक स्नातक चिकित्सा अधिकारी मिल पाया है.

अब देख लेते हैं आदिवासियों के प्रति सरकार का स्नेह अथवा प्रेम. . . अकेले बस्तर संभाग को ही अनुंबध पर उपचार उपलब्ध कराने साय सरकार ने ऐसे 73 चिकित्सा अधिकारी दिए हैं. जिनमें सर्वाधिक 19 काँकेर तो सबसे कम एक चिकित्सा अधिकारी नारायणपुर को दिया गया है.

बस्तर को 17, दंतेवाडा़ को 13, सुकमा को 11, कोंडागाँव को 7, बीजापुर को 5 ऐसे चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध कराए गए हैं जिनकी सेवा अनुंबध पर उपलब्ध रहेगी. आदिवासी बहुल बलरामपुर में 19, जशपुर में 21, कोरिया में 6, सूरजपुर में 6 तथा सरगुजा जिले में 32 स्नातक चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति की गई है.

बहरहाल, सरकार को भरोसा है कि इन चिकित्सकों की नियुक्ति से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को भी बेहतर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा का लाभ देने यह नियुक्ति की गई है.

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा चिकित्सा स्नातक एमबीबीएस पाठ्यक्रम 2018 बैच के चिकित्सा स्नातकों को इस तरह की सेवा के लिए चुना गया है. जिन्हें निष्पादित अनुबंध अनुसार दो वर्ष की संविदा सेवा का अवसर दिया गया है.

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