जल भंडारण: 10 सालों के औसत भंडारण से भी कम

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में 26 जलाशय गर्मी से प्यासे हुए जा रहे हैं। इन जलाशयों की जल भंडारण क्षमता 48.227 बीसीएम है। वर्तमान में इन जलाशयों में 12.185 बीसीएम जल ही उपलब्ध है। केन्द्रीय जल आयोग की रपट के मुताबिक 32 के मुकाबले इस वर्ष इन जलाशयों में 25 फीसदी ही संग्रहित पानी बचा है।

यह रपट केन्द्रीय जल आयोग ने हाल ही में जारी की हैं। रपट बताती है कि देश में मौजूद 150 मुख्य जलाशयों में पानी घटकर महज 21 फीसदी रह गया है। जल विद्युत परियोजनाओं सहित जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 150 मुख्य जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 178.784 अरब क्यूबिक मीटर (बीसीएम) बताई जाती है।

देश की कुल जल भंडारण क्षमता का 69.35 फीसदी जल इन 150 जलाशयों में संग्रहित होता है। गुरूवार तक इनमें अपनी कुल क्षमता का महज 21 प्रतिशत जल उपलब्ध था। यानि कि 37.662 बीसीएम पानी ही इन जलाशयों में संग्रहित था।

आयोग की रपट के अनुसार मौजूदा भंडारण को बीत चुके 10 वर्षों के औसत भंडारण से भी कम माना गया है। दो सप्ताह पहले 22 प्रतिशत जबकि उसके 1 सप्ताह पहले यह 23 प्रतिशत आंका गया था।

जल भंडारण पर यह रपट चिंता फैलाने वाली है। दक्षिण भारत के राज्य इससे सर्वाधिक प्रभावित बताए गए हैं। तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश में इस तरह के जलाशय की कुल संख्या 42 हैं।

इन 42 जलाशयों में 53.334 बीसीएम पानी संग्रहित हो सकता है जबकि फिलहाल यहां 8.508 बीसीएम पानी ही उपलब्ध है। इसे गत वर्ष की तुलना में 21 फीसदी कम बताया गया है।

गतवर्ष की तुलना में 39 फीसद कम

उत्तर भारत की स्थिति पर गौर करिये। राजिस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे उत्तर भारतीय राज्यों में ऐसे कुल 10 जलाशय आते हैं। इनकी जल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम बताई जाती है लेकिन यहां गत वर्ष के मुकाबले 39 फीसद कम पानी संग्रहित है। यानि कि मौजूदा जल भंडारण 5.488 बीसीएम रह गया है।

बिहार, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों में 23 जलाशय आते हैं। इनमें इनकी कुल भंडारण क्षमता 20.430 बीसीएम बताई जाती है। इसके उलट 3.873 बीसीएम पानी शेष रह गया है। जो कि कुल क्षमता का 19 फीसद है।

हालांकि गतवर्ष की तुलना में इस बार तकरीबन 1 फीसद पानी ज्यादा संग्रहित है। पिछले साल इन 23 जलाशयों में रपट तैयार किए जाने के दौरान तकरीबन 18 फीसद पानी ही कुल क्षमता का उपलब्ध था।

अब बात पश्चिमी राज्यों की… महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में इनकी संख्या 49 जलाशयों की है। कुल भंडारण क्षमता 37.130 बीसीएम है। जबकि वर्तमान में 7.608 बीसीएम पानी रह गया है। जो कि पिछले वर्ष 20 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 20.49 प्रतिशत पर आ गया है।

केन्द्रीय जल आयोग की रपट का लब्बोलुआब यही है कि 150 जलाशयों की जल भंडारण क्षमता साल दर साल कम हुए जा रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच सकती है।

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