कहां गया पौने 15 करोड़ का धान ?

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कवर्धा। जिले में करीब 14 करोड़ 60 लाख 4 हजार 847 रू. मूल्य के उस धान की अब पतासाजी की जा रही है जिसे भौतिक सत्यापन में कम पाया गया है। मामला जिले के 95 उपार्जन केन्द्रों से जुड़ा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि कबीरधाम के जिलाधीश जन्मेजय महोबे ने अभी हाल ही में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की एक समीक्षा करने जिला प्रशासन की बैठक ली थी। इस बैठक में बताया गया कि जिले में 95 उपार्जन केन्द्र ऐसे पाए गए हैं जहां से 64 हजार 409 क्विंटल धान कहा गया किसी को खबर नहीं है।

कलेक्टर जन्मेजय महोबे बताते हैं कि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2183 रू. प्रति क्विंटल पर खरीदे गए इस धान की कुल कीमत करोड़ों में होती है। धान उपार्जन केन्द्र प्रभारी के खिलाफ सोसायटी अधिनियम 1962 के तहत उनकी संपत्ति को निलाम कर वसूली की कार्यवाही सहित निलंबन और बर्खास्तगी करने के निर्देश दिए गए हैं।

भेजा गया है प्रस्ताव

अब इन धान खरीदी केन्द्रों में भविष्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो इस कारण इन्हें ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही प्रस्तावित है। इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। ग्राम रक्शे के खरीदी केन्द्र में 1518.8 क्विंटल धान कम पाया गया।

इसी तरह बिरोड़ा में 1532.42 क्विंटल, बघर्रा में 1638.77 क्विंटल, करपी गोडान में 1805.5 क्विंटल, सूरजपुरा में 1817.58 क्विंटल, राजा नवागांव में 1828.14 क्विंटल, समनापुर में 1956.12 क्विंटल, मोहगांव में 2140.41 क्विंटल, सुकली गोविंद में 2717.6 क्विंटल धान भौतिक सत्यापन में कम पाया गया है।

सर्वाधिक कमी बोड़ला ब्लाक के समनापुर धान खरीदी केन्द्र में पकड़ में आई है। इस केन्द्र में 3436 क्विंटल धान भौतिक सत्यापन में कम निकला है। रणजीतपुर खरीदी केन्द्र में 2836 और सरईसेत खरीदी केन्द्र में 2731.5 क्विंटल धान कम पाया गया है।

इन समितियों के प्रबंधकों सहित धान खरीदी प्रभारियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिले में कुल 108 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से 95 धान उपार्जन केन्द्रों में गड़बड़ी पाई गई है। यह आंकड़ा 87.96 प्रतिशत होता है जो कि चौंकाने वाला है।

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