मरवाही उपचुनाव : अमित को घेरने राज्यपाल के पास पहुंचे कांग्रेसी विधायक
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रायपुर.
चुनाव एक नहीं कई मोर्चे पर लडा़ जाता है इसका अहसास मरवाही विधानसभा का उपचुनाव कराने लगा है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ – जे के अध्यक्ष अमित जोगी को घेरने कांग्रेसी विधायक राज्यपाल के पास पहुंच गए. मसला था वह जाति प्रमाण पत्र का वह विवाद जिसने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का भी साथ तब तक नहीं छोडा़ जब तक वह इस दुनिया से चले नहीं गए.
दरअसल, कांग्रेस के आधा दर्जन आदिवासी विधायक बुधवार को राजभवन पहुंचे थे. उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपॉवर कमेटी ने निरस्त कर दिया था.
उनका तर्क था कि इस स्थिति में अमित जोगी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का नहीं माना जा सकता. विधायकों ने ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र की समुचित जांच की मांग की है.
कौन कौन विधायक शामिल था ?
मोहला मानपुर के कांग्रेसी विधायक इंदरशाह मंडावी के साथ ही कांकेर के विधायक शिशुपाल सोरी, यूडी मिंज, गुलाब कमरो, मोहित कुमार केरकेट्टा और पुरूषोत्तम कंवर आज शाम राजभवन पहुंचे थे.
उन्होंने राज्यपाल से चर्चा करते हुए पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध बताया. उन्होंने कहा कि मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है.
राज्यपाल को बताया गया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे. स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपावर कमेटी द्वारा 23 अगस्त 2019 को निरस्त किया गया.
इस तरह की स्थिति में जोगी का जाति प्रमाण पत्र संबंधी प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण उनके पुत्र अमित जोगी और परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य नहीं माना जा सकता है.
कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि जोगी परिवार शुरू से छत्तीसगढ़ की जनता को गलत प्रमाण पत्र और झूठे तथ्यों के आधार पर अपने को आदिवासी बताकर छलावा करते रहे हैं. अब वर्तमान में उनका पुत्र भी उसी राह में अग्रसर है.
क्यूं ऋचा निशाने पर ?
कांग्रेसी विधायकों के मुताबिक अमित जोगी की पत्नी ऋचा रूपाली साधू जाति ईसाई हैं. उनके नाम से एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर अपने को आदिवासी बताने और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस विधायकों ने यह भी कहा कि ऋचा जोगी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने पढ़ाई के दौरान अपने को आदिवासी वर्ग का नहीं बताया है. परिवार के नाम दर्ज भूमि आदिवासी मद में दर्ज नहीं है.
ऋचा रूपाली जोगी के पैतृक परिवार के लोग आदिवासी समाज के लोगों के साथ संव्यवहार नहीं रखते हैं. इससे यह प्रमाणित होता है कि ये आदिवासी समुदाय से संबद्ध नहीं रखते हैं. इस आधार पर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाने योग्य है.
राज्यपाल से मिलने वाले कांग्रेसी विधायकों के मुताबिक ऋचा जोगी द्वारा अकलतरा विधानसभा चुनाव के समय जाति का कालम खाली छोड़ा हुआ है. गोंड़ जाति कहीं अंकित नहीं है.
विधायक बताते हैं कि ऋचा जोगी ने जमानत की राशि 10 हजार रूपए जमा कराई थी, जो कि सामान्य वर्ग के अभ्यार्थी को लगती है. अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यार्थी को 5 हजार रूपए लगते हैं. इस कारण भी ये आदिवासी समुदाय के नहीं हैं. इनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाना चाहिए.