देश की दशा और दिशा बदलने के लिए है वामपंथी सँघर्ष : डोम

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विश्रामपुर (सूरजपुर)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और वामपंथ का संघर्ष देश की दशा दिशा को बदलने और एक शोषणविहीन, वर्गविहीन समाज व्यवस्था, समाजवाद की स्थापना के लिए है. इस ओर आगे बढ़ने के लिए हमें आम जनता के सभी शोषित – उत्पीड़ित तबकों को लामबंद करना होगा.

उक्त विचार पोलिट ब्यूरो सदस्य डॉ. रामचंद्र डोम के हैं. वह विश्रामपुर में पार्टी के 8वें छत्तीसगढ़ राज्य सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे.

सात बार साँसद रहे डोम ने कहा कि आर्थिक – सामाजिक – जातिगत – लैंगिक शोषण के खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा. देश में लोकतंत्र, संविधान और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करनी होगी. इस संघर्ष के क्रम में जनविरोधी पूंजीवादी राजनीति के खिलाफ जनपक्षधर वामपंथी राजनीति को स्थापित करना होगा.

उन्होंने कहा कि पूंजीवाद के पास और केंद्र की भाजपा नीत सरकार के पास आम जनता की बुनियादी समस्याओं – बेरोजगारी, अशिक्षा, गरीबी – का कोई समाधान नहीं है. इसलिए वे अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति और अवैज्ञानिक, पिछड़ी चेतना को आगे बढ़ा रहे हैं.

उनका कहना था कि इस देश तोड़ने वाली राजनीति के खिलाफ लड़ना होगा. भारतीय समाज में वैज्ञानिक चेतना का प्रसार करना और मनुष्य की बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए समाजवाद को स्थापित करना आज वामपंथ के लिए सबसे बड़ा काम है.

डॉ. रामचंद्र डोम ने विश्रामपुर में सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश मोदी की अगुवाई में अडानी और अंबानी के चंगुल में कराह रहा है. आदिवासी, दलित, महिलाएं यातनापूर्ण जिन्दगी जी रहे हैं.

डोम कहते हैं कि किसान बेदखली और मजदूर असहनीय शोषण से की गिरफ्त में हैं. संविधान को ताक पर रखकर मनुस्मृति के आधार पर राज चलाया जा रहा है. इसका प्रतिवाद करने के लिए जनता को ही मैदान में उतरना होगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ इस देश से संविधान को हटाकर मनुस्मृति के नाम पर व्यवस्था चलाना चाहती हैं. बाबा साहब अम्बेडकर को याद करते हुए डॉ. डोम ने कहा कि हुक्मरान आज खुले आम अंबेडकर के नाम से चिढ़ रहे हैं, क्योंकि उनसे उन्हें डर लगता है.

अंबेडकर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब भूमि के राष्ट्रीयकरण और समाजवाद के पक्षधर थे. वे चाहते थे कि इस देश में से पूँजीवाद खत्म हो और सारी सार्वजनिक सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए.

उन्होंने खेती-किसानी को लेकर मोदी सरकार की नीतियों और जमीन छीनकर कारपोरेट कंपनियों को दिए जाने की मोदी सरकार की नीतियों को हराने की किसान आँदोलन की कामयाबी का जिक्र किया. भविष्य में भी इसी तरह की एकता से इन्हें परास्त करने का विश्वास जताया.

माकपा नेता ने कहा कि देश के युवा और मेहनतकश कभी भी अपने सपनों को मरने नहीं देंगे. वे इन्हें यथार्थ में उतारने की लड़ाई लड़ेंगे भी जीतेंगे भी.

उन्होंने कहा कि यदि मोदी कारपोरेट की कमाई के लिए आतुर हैं, तो जनता भी उनकी लूट को असफल बनाने की लड़ाईयां तेज कर रही है.

माकपा के शीर्षस्थ नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ के इस राज्य सम्मेलन में फूटपरस्ती, विभाजन और साम्प्रदायिकता को पराजित करने के लिए व्यापक पैमाने पर एकता बनाई जायेगी. इसी के साथ वैकल्पिक नीतियों के लिए भी जनता को इकट्ठा किया जाएगा.

वामपंथ की एकता को और संगठन को मज़बूत बनाने की योजना भी सम्मेलन में बनेगी. ऋषि गुप्ता, आरवी भारती और एस सी भट्टाचार्य इस सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं.

सम्मेलन में माकपा के केंद्रीय सचिवमंडल सदस्य तथा छत्तीसगढ़ प्रभारी जोगेंद्र शर्मा भी उपस्थित हैं.माकपा राज्य सम्मेलन में प्रदेश भर के चुने हुए लगभग 150 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

राज्य सचिव एमके नंदी द्वारा राजनैतिक सांगठनिक रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद प्रतिनिधियों द्वारा इस पर बहस शुरू हो चुकी है. मीडिया सेल के संजय पराते, धर्मराज महापात्र, ललन सोनी सहित अन्य कामरेड सम्मेलन में शामिल हैं.