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रांची.
उच्च न्यायालय भवन निर्माण को लेकर 66 करोड़ का जुर्माना . . . विधानसभा भवन निर्माण पर 47 करोड़ का जुर्माना . . . चौंकिए मत यह खबर सही है . . . दरअसल, इन भवनों का निर्माण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एनजीटी ) से बिना पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त किए हुए झारखंड में किया गया है. इस पर इस तरह की कार्रवाई की गई है.
जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने बताया कि झारखंड में पर्यावरण स्वीकृति के बिना बने उच्च न्यायालय, विधानसभा, अन्य भवनों पर एनजीटी ने भारी जुर्माना लगाया है.
जुर्माना कौन देगा ?
सरयू राय ने ट्वीट कर यह भी पूछा है कि उच्च न्यायालय भवन पर 66 करोड़ रुपये और विधानसभा भवन पर 47 करोड़ रुपये का जुर्माना कौन देगा? इन भवनों का निर्माण करने वाली एजेंसी, गलती करने वाले सरकारी अधिकारी या जनता के टैक्स से बना सरकार का राजकोष?
पूर्व मंत्री सरयू राय ने ट्वीट कर यह भी जानकारी दी है कि एनजीटी के आदेश के तहत जुर्माना के साथ ही बिना पर्यावरण स्वीकृति के भवन बनाने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होगा. उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन भवनों के निर्माण पर रोक रहेगी।
सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम लिए बिना कटाक्ष करते हुए कहा कि अनियमित-अधूरा विधानसभा भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने वाले अब जबकि एनजीटी का फैसला आ गया है तब अपनी गलती मानेंगे ?
हाई कोर्ट भवन और विधानसभा के नए भवन को लेकर एनजीटी के आदेश पर झारखंड मंत्रालय में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जो आदेश आया है, इसकी जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है.
हेमंत सोरेन ने देर शाम को रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब फाइल में उनके पास सारी चीजें आएंगी, तब वे देखेंगे. आकलन होगा और उसी के अनुरूप सरकार क्या निर्णय लेती है, यह बता पाएंगे.
हेमंत सोरेन ने कहा कि चाहे हाईकोर्ट भवन हो या विधानसभा का भवन हो अथवा कोई और सरकारी भवन हो, निर्माण कार्य में किस-किस तरह का प्रावधान है और कहां एनजीटी के नियम लागू होते हैं, यह सब नियम और प्रक्रिया के तहत होता है. ऐसे में सरकार एनजीटी के पत्र और आदेश को देखेगी और फिर अपनी बात रखेगी।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि हाईकोर्ट और विधानसभा के नए सरकारी भवन निर्माण में पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन को लेकर एनजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने के लिए पूरी तरह से पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार दोषी है, जिम्मेवार है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से आनन-फानन में आधे-अधूरे विधानसभा भवन का प्रधानमंत्री के हाथो उद्घाटन कर वाहवाही लूटने की कोशिश हुई थी, उसकी सच्चाई आज सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रदेश कांग्रेस कमिटी जांच की मांग करती है।