नेशन अलर्ट / 97706 56789
जयपुर.
राजस्थान में एक महीने से अधिक चली सियासी खींचतान के बाद आखिरकार गहलोत सरकार विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में पास हो गई. लेकिन इसी दौरान ऐसा कुछ हुआ, जिसने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ा दी है.
गहलोत सरकार की ओर से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग से ठीक पहले भाजपा के चार विधायक अपना मोबाइल फोन बंद कर विधानसभा से गायब हो गए.
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र गिर्डी के विधायक कैलाश मीणा, दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक गौतम मीणा, आसपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक गोपीचंद मीणा और घाटोल से विधायक हरेंद्र निनामा वोटिंग से पहले गायब हो गए.
कार्रवाई खत्म हुई तो विधायक उपस्थित हुए
वोटिंग कराने के लिए भाजपा के नेता इनकी तलाश में जुटे रहे, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. इन विधायकों के मोबाइल फोन भी स्वीच ऑफ थे. अंत में मजबूर होकर भाजपा ने वोटिंग कराने की मांग नहीं की. विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद चारों विधायक लौटे.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने चारों विधायकों से बात की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राठौर ने विधायकों से यह जानने का प्रयास किया कि वे वोटिंग से पहले गायब क्यों हुए?
विधायकों के गायब होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सफाई दी है. पूनिया ने कहा कि एक विधायक की तो गाड़ी खराब हो गई, इसलिए वह गाड़ी बनवाने चले गए. उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायकों ने बताया कि बैठे-बैठे थक गए थे. कुछ होना था नहीं, इसलिए घर चले गए थे.
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पर तंज करते हुए कहा कि अगर भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थी, तो उन्होंने हमारे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन और वोटिंग कराने की मांग क्यों नहीं की?
गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था. चर्चा के बाद यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया. सचिन पायलट की नाराजगी दूर हो जाने के साथ ही यह निश्चित भी हो गया था, लेकिन भाजपा नेतृत्व के लिए आंतरिक कलह की खबरों के बीच विधायकों का इस तरह वोटिंग से पहले गायब हो जाना माथे पर बल लाने वाला है.
( साभार : राष्ट्रीय जनधारा )