रायपुर।
एक ऐसी तस्वीर जो आपको चौंकने मजबूर कर सकती है। सफेद सफारी… चमचमाता जूता… और सिर पर सफेद गमछा.. ये डॉ. रमन सिंह हैं। वही डॉ. साहब जो कि प्रदेश को पिछले कई वर्षों से चला रहे हैं। इस बार उन्होंने मजदूरों के साथ हाथ बंटाकर आम मजदूर सा एहसास किया। बलरामपुर के जोकावाट गांव पहुंचे डॉ. रमन सिंह ने ईंटे उठाई और लगे दीवार जोडऩे। इस दौरान उन्होंने मजदूरों से उनका हाल-चाल भी जाना।
उल्लेखनीय है कि शोबरन नाग सहित इस गांव में 57 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार रूपए के मान से राशि मंजूर की गई है। सिंह को नाग ने बताया कि उन्हें पहली किश्त में 52 हजार रूपए मिल गए हैं। उसी राशि से उन्होंने मकान बनाना शुरू कर दिया है। उन्हें मकान निर्माण के लिए काम करने की मजदूरी भी सरकार की ओर से दी जा रही है।
कुछ खिलाओगी नहीं, कहा रमन ने
मुख्यमंत्री श्री नाग के घर अंदर भी गए। उन्होंने वहां उनके परिवार का हाल-चाल पूछा। परिवार में पति-पत्नी और दो बच्चे हैं। डॉ. सिंह ने शोबरन की पत्नी उर्मिला से कहा -तुम्हारे घर मेहमान आए हैं, कुछ खिलाओगी नहीं ? इस पर उर्मिला ने बड़े संकोच के साथ मुख्यमंत्री को गुड़ और बिस्कुट खिलाया। सीएम ने शोबरन दम्पति से पूछा कि किसी और चीज की जरूरत तो नहीं है।
नाग दंपत्ति की वह मांग जो पूरी हुई
शोबरन नाग ने बकरी पालन के लिए बाड़े की और उर्मिला ने घर के आस-पास एक हैंडपम्प की जरूरत बतायी। उर्मिला का कहना था उनको और आस-पास के परिवारों को पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता है। हैंडपम्प लग जाने पर यह समस्या दूर हो जाएगी। सबको इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने दोनों मांगें पूरी कर दी और अधिकारियों को नाग दम्पत्ति की मदद करने और उनके मोहल्ले में हैंडपम्प लगवाने के निर्देश दिए।
पंप चालू करवाया, पिया पानी
सीएम ने जोकापाट में आम के पेड़ों की छांव में चौपाल लगायी। चौपाल के पास ही देवसाय नाग के खेत में मनरेगा के तहत 2003 बना कुंआ और उस पर लगा पम्प देखकर मुख्यमंत्री वहां भी पहुंच गए। उन्होंने पम्प चालू करवाया और उसका पानी भी पिया। उन्होंने 3 एकड़ जमीन के किसान देवसाय नाग को सौर सुजला योजना के तहत सोलर पम्प की भी मंजूरी देने का निर्णय लिया।
छोटी सिंचाई योजना पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा – पहाड़ी क्षेत्र की खूबसूरत वादियों में साल वनों के नजदीक स्थित ग्राम जोकापाट पर्यटन सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस गांव में अप्रैल के महीने में भी भूमिगत जल पर्याप्त मात्रा में है। सिर्फ 15 फीट में ही काफी पानी मिल जाता है। इसलिए सिंचाई नलकूप खनन में अधिक राशि व्यय करने के बजाय सोलर सिंचाई पम्प दिए जाने चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करके जिला कलेक्टर को वहां के लिए भू-जल आधारित छोटी सिंचाई योजना बनाने तथा सौर सुजला योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों के लिए सोलर पम्प स्वीकृत करने के निर्देश दिए।
मंगलभवन निर्माण के निर्देश
मुख्यमंत्री ने वहां कम से कम 36 परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन स्वीकृत करने, ग्राम पंचायत में सीमेंट कांक्रीट सड़क मंजूर करने और पर्यटन की दृष्टि से वहां के एक वार्ड में 10 लाख रूपए की लागत से मंगल भवन निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने जिला कलेक्टर को गांव के आस-पास सौंदर्यीकरण के भी निर्देश दिए। आकस्मिक प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने जोकापाट में उप स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया।