नेशन अलर्ट / 97706 56789
राजनांदगांव.
राजनांदगांव विधानसभा के ग्राम मुड़पार, कोटराभांठा, कुम्हालोरी, जंगलेशर, धनगांव, गातापार, धीरी सहित जिले के विभिन्न गांवों में गोधन न्याय योजना शुरु होने से गौपालक कृषक प्रसन्न हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गांवों में आभार जताया जा रहा है.
इस योजना के प्रति जनता में विशेष उत्साह का वातावरण देखा जा रहा है. इसके चलते जिले के गोठानो में 15 सौ से अधिक गौ सेवकों से लगभग 1000 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने गोधन न्याय योजना लागू होने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरु की गई इस योजना से गांवों की तस्वीर के साथ तकदीर भी बदलेगी.
उन्होंने कहा कि कर्जा माफी, 2500 धान का समर्थन मूल्य, राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानो की दशा सुधारने के बाद अब गोधन न्याय योजना लागू की गई है.
ऐसा कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जो कार्य योजना बनाई गई है वह भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक मिसाल हैं. इस योजना से जहाँ गांव की महिला समूहों को रोजगार मिलेगा वही यह सहकारिता को भी मजबूती प्रदान करने वाली योजना सबित होगी.
53 सौ गौठान स्वीकृत हो चुके
गोधन न्याय योजना के संबंध में विस्तार से बताते हुए प्रदेश महामंत्री शाहिद भाई ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 5300 गौठान स्वीकृत हो चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 और शहरी क्षेत्र में 377 गोठानो का निर्माण भी हो चुका है.
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि प्रदेश के 11हजार 630 ग्राम पंचायत और सभी 20 हजार गांवों में गौठान का निर्माण कराया जाए ताकि हर गांव में गोबर खरीदी हो सके.
गोधन न्याय योजना से पशुपालकों की आय में तो वृद्धि होगी ही बल्कि पशुधन की खुली चराई पर रोक भी लगेगी. पशुओं की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए सरकार ने रोका छेकी लागू कर पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की पहल की थी वह भी इस योजना से जुडी हुई है.
उनके मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार पशुपालकों से गोबर 2 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद कर उस गोबर से तैयार जैविक खाद 8 रुपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध करवाएगी.
कोरोना संकट के समय यह योजना ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए एक सार्थक कदम भी है.
जैविक खाद के उपयोग से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी वही कृषि लागत भी कम होगी. साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित होगा क्योंकि रसायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होगा.
शाहिद बताते हैं कि गोधन न्याय योजना में वर्मी कंपोस्ट खाद के साथ-साथ अन्य सामग्रियों के निर्माण से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी गांव में ही उपलब्ध होंगे.
रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित होने से ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी. खरीफ और रबी फसल की सुरक्षा सुरक्षित होने के साथ-साथ दुफसली खेती के लिए भी वातावरण निर्मित होगी.
कैसे एकत्र होगी जानकारी
वे कहते हैं कि गोसेवकों द्वारा बेची गई गोबर की जानकारी के लिए एक कार्ड बनाकर दी जाएगी. उस पर बेची गई गोबर की मात्रा प्रतिदिन दर्ज की जाएगी.15 दिनों बाद उन्हें भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाएगा.
गोधन न्याय योजना में जिन ग्रामीणजनों ने गोबर विक्रय किया है उनको 5 अगस्त को राज्य सरकार 2 रुपए प्रति किलो की दर से भुगतान करेगी. योजना प्रारंभ करने के लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार भी जताया है.
इस महत्वकांक्षी योजना के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम विशेष रूचि लेकर प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश देकर जनता को सीधे इस योजना से जुड़ने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार का निर्देश लगातार प्रदान कर रहे हैं.