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रायपुर.
राजस्थान की कांग्रेसी सरकार को कथित तौर पर भाजपा द्वारा गिराए जाने की असफल कोशिश का मसला राजस्थान से निकल कर छत्तीसगढ़ तक पहुंच गया है. ऐसे 5 सवाल हैं जिनका उत्तर भाजपा से देशभर के कांग्रेसी चाहते हैं.
राजस्थान के घटनाक्रम पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजस्थान की बहादुर जनता के सम्मान को चुनौती दे राजस्थान की चुनी हुई कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश व षडयंत्र का चेहरा आए दिन बेनकाब हो रहा है.
उनके अनुसार भाजपाई साजिश की परतें दिन प्रतिदिन खुल रही हैं. विधायकों की निष्ठा खरीदने और प्रजातंत्र को धूमिल करने का कुकृत्य एक राजनैतिक कलंक के तौर पर षडयंत्रकारियों के माथे पर लिखा साफ नज़र आ रहा है. राजस्थान की 8 करोड़ जनता इस साजिश को कभी माफ नहीं करेगी.
कैसे भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस प्रकार से कांग्रेस के विधायकों को भाजपा की हरियाणा सरकार की मेहमाननवाज़ी में मानेसर, गुड़गांव के होटल व रिसॉर्ट में रखा गया, यह अपने आप में भाजपाई सांठगांठ को साबित करता है.
हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा राजस्थान कांग्रेस विधायकों को अप्रत्याशित सुरक्षा घेरे में रखना इस बात का प्रमाण है कि साजिश के असली सरदार भाजपाई हैं.
त्रिवेदी ने कहा है कि यही नहीं 17 तारीख को संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए भाजपा की हरियाणा सरकार ने पुलिस लगाकर जिस तरीके से ‘राजस्थान स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप’ को विधायकों भंवरलाल शर्मा, विश्वेंदर सिंह का वॉईस सैंपल लेने तथा जाँच करने से रोका, यह अपने आप में इस मिलीभगत का जीता जागता सबूत है.
हद तो तब हो गई जब भाजपा की हरियाणा सरकार चोर दरवाजे से कांग्रेस के विधायकों को भगा ले गई ताकि जाँच न हो सके. अब सीधे सीधे खबर आ रही है कि कांग्रेस के विधायकों को केंद्र द्वारा संचालित दिल्ली पुलिस अलग-अलग 5 सितारा होटल में रखी हुई है.
राजस्थान पुलिस की जाँच को बाधित करते हुए उनकी जगह बार बार बदली जा रही है. कभी खबर आती है कि कांग्रेस विधायकों को भाजपा शासित कर्नाटक ले जाया जाएगा या भाजपा शासित मध्यप्रदेश. यह अपने आप में भाजपाई सांठगांठ, साजिश व षडयंत्र का पुख्ता प्रमाण है.
अगर तथाकथित ऑडियो टेप कांड में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, केंद्रीय मंत्री व भंवर लाल शर्मा तथा विश्वेंदर सिंह की कोई भूमिका नहीं है, तो फिर वो वॉईस सैंपल देने से गुरेज़ कर छिपते क्यों घूम रहे हैं?
कभी भाजपा सरकार सीबीआई की धमकी देती है, तो कभी ईडी और इंकम टैक्स की फर्जी रेड करवाती है. यह तो ऐसे ही है, जैसे ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’. अब राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो की एफआईआर में साफ तौर से भ्रष्टाचार निरोधक कानून में गजेंद्र सिंह, भंवरलाल शर्मा व अन्य के खिलाफ नामित कर जाँच शुरू कर दी गई है.
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजस्थान के घटनाक्रम को लेकर हमारे कुछ प्रश्न हैं जैसे कि :
- जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत द्वारा यह कहा गया कि तथाकथित ऑडियो टेप में आवाज उनकी नहीं तो फिर श्री शेखावत सामने आकर अपना वॉईस सैंपल देने से इंकार क्यों कर रहे हैं?
ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक कानून में मामला दर्ज होने के बाद श्री शेखावत को अपने पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा ? क्या यह प्रधानमंत्री का राजधर्म नहीं कि जाँच पूरी होने तक श्री शेखावत को पदमुक्त करें ताकि वो जाँच पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभाव न डाल पाएं?
2.भाजपा की हरियाणा और दिल्ली की पुलिस, श्री शेखावत, भंवरलाल शर्मा व विश्वेंदर सिंह के वॉईस सैंपल लेने से क्यों रोक रही है? अगर ये तीनों दोषी नहीं, तो सामने आकर वॉईस सैंपल देने में क्या खतरा है?
- क्या केंद्रीय भाजपा सरकार सीबीआई की धमकी इसलिए दे रही है कि विधायक खरीद घोटाले के तार में अन्य कई आला पदों पर बैठे केंद्र सरकार के लोग शामिल हैं व निष्पक्ष जाँच उनका चेहरा बेनकाब कर देगी?
4.क्या देश को विश्वास में नहीं लेना चाहिए कि काला धन कहां से आ रहा है, यह काला धन कौन मुहैया करवा रहा है, हवाला से कैसे ट्रांसफर किया जा रहा है, किस किस को दिया जा रहा है?
क्या राजस्थान सरकार गिराने के इस काला धन के आदान प्रदान में लोगों का चेहरा बेनकाब नहीं होना चाहिए?
5.अगर भाजपा की कोई भूमिका नहीं तो केंद्र सरकार से लेकर हरियाणा सरकार, इंकम टैक्स, ईडी, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा चक्र देने तथा राजस्थान पुलिस की जाँच से अलग रखने को इतनी मशक्कत क्यों कर रहे हैं?