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तिल्दा नेवरा.
कई मर्तबा सीमांकन कराए जाने के अपने अनुरोध पर ध्यान नहीं देने के चलते अब ग्रामीण संभव स्पंज आयरन फैक्ट्री के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
उनका आरोप है कि संभव स्पंज आयरन सरोरा द्वारा सरकारी भूमि सहित शमशान घाट की भूमि, जलाशय व चारागाह भूदान की भूमि पर कब्जा कर लिया गया है.
इसे हटाने के लिए ग्रामवासी 26 जनवरी 2020 से शासन एवं जिला प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं किंतु अभी तक सीमांकन नहीं हो पाया हैं.
जनहित याचिका लगाई जाएगी
हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर संभव स्पंज आयरन कंपनी द्वारा ग्राम सरोरा में अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन के सीमांकन का अनुरोध करेंगे.
ज्ञात हो कि 27 जनवरी 2020 को तहसीलदार तिल्दा के न्यायालय में सीमांकन कराए जाने का अनुरोध किया गया था.2 मार्च 2020 को कलेक्टर रायपुर से इसी विषय पर ग्रामीण मिले थे.
ग्रामवासी लगातार कलेक्टर रायपुर व तहसीलदार तिल्दा से जल्द से जल्द सीमांकन करने हेतु अनुरोध कर रहे हैं लेकिन आज 6 महीना बीतने के बाद भी सीमांकन का कार्य नहीं हो पाया है.
ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. तहसीलदार तिल्दा द्वारा टाल मटोल की जा रही है. कंपनी के द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जाता है. गांव के विकास में भी कंपनी का कोई योगदान नहीं हैं. कंपनी वाले मनमानी कर रहे हैं.
भूदान में चारागाह के लिए किसानों द्वारा दी गई जमीन को भी जबरदस्ती अपने कब्जे में कर लिया है. कोटवार के लिए सरकार द्वारा सुरक्षित क़ृषि भूमि पर भी डस्ट डालकर कब्जा कर लिया गया है.
ग्रामीण सुनील वर्मा, कामताप्रसाद शर्मा, रणछोर तिवारी, मनी यदु, इतवारी पाल, तोरण साहू, बिशंभर पाल, पवन मानिकपुरी, टेकराम यदु, बहोरन यदु, प्रवीण यदु, शरद ठाकुर ने बताया कि कंपनी के प्रति ग्रामीणों में अंदर ही अंदर नाराज़गी बढ़ रही है.बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाने किसान अब विवश हैं.