छत्तीसगढ़ी व्यंजन से तृप्त हुए सीएम, दी कुआं निर्माण व बिजली कनेक्शन की मंजूरी

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रायपुर।

लोक सुराज के दूसरे चरण में प्रदेश के मुख्यमंत्री का चौपर गुरुवार को बिलासपुर के गौरेला ब्लॉक स्थित गौरखेड़ा गांव में उतरा। यहां झुलसा देने वाली गर्मी में उन्होंने पेड़ के नीचे चौपाल लगाई। उसके बाद पैदल ही चले गए डबरी का निर्माण कार्य देखने, गर्म हवाओं के बीच जब भूख लगी तो मनरेगा की महिला मजदूर उर्मिला कोर्राम और मानमती यादव ने उनको भोजन करवाया। बताया जाता है कि उर्मिला के घर से भात, अमारी भाजी और चटनी तो वहीं मानमती के घर से तेंदू फल खिलाया। इसके बाद सीएम ने उर्मिला के खेत में कुंआ निर्माण और

उनका हेलीकाप्टर वहां बन रहे सिंचाई बांध के नजदीक उतरा। यह बांध सोनकछार नदी पर 33 करोड़ रुपए की लागत से बनवाया जा रहा है। इसके बन जाने पर खरीफ तथा रबी मौसम में इलाके के 541 किसानों के लगभग 1600 हेक्टेयर खेतों को पानी मिल सकेगा। इसमें से 800 हेक्टेयर में खरीफ और शेष 800 हेक्टेयर में रबी के दौरान सिंचाई होगी। मुख्यमंत्री ने वहां बांध के ड्राइंग और डिजाइन सहित वहां चल रहे निर्माण कार्य को देखा और मजदूरों से भी बातचीत की। वे इसके बाद बांध निर्माण स्थल के नजदीक ठेंगाडांड ग्राम पंचायत के ही अंतर्गत मनरेगा के चल रहे डबरी निर्माण कार्य को देखने पैदल पहुंचे। जहां पेड़ की छांव में बैठी मजदूर महिलाओं से भी उनकी मुलाकात हुई।

लिया छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्वाद
डा. सिंह ने महिला श्रमिक उर्मिला कोर्राम से पूछा कि उन्होंने पोटली में क्या रखा है । उर्मिला ने उन्हें बताया कि दोपहर खाने के लिए अमाड़ी भाजी, चटनी और भात रखी हूं। उर्मिला ने मुख्यमंत्री को भी अमाड़ी भाजी, चटनी और भात परोसा। डॉ. सिंह ने बड़े चाव से यह सादा भोजन किया और छत्तीसगढ़ी में ही कहा- येला खाये हे घाम नइ लागै।

फाइव स्टार से ज्यादा स्वदिष्ट है मजदूरों का खाना : मुख्यमंत्री
उन्होंने उर्मिला के आग्रह पर उनके खेत में कुआं निर्माण और घर में बिजली कनेक्शन की मंजूरी दी। एक अन्य महिला मजदूर मानमती ने मुख्यमंत्री को स्वादिष्ट तेंदू खाने को दिया।

बाद में मुख्यमंत्री ने कहा- मजदूरों के बीच किसी पेड़ की छांव में चटनी, भात और भाजी का यह भोजन मुझे किसी फाइव स्टार होटल के भोजन से भी ज्यादा स्वादिष्ट लगा। डॉ. सिंह ने गौरखेड़ा के पास भैनामुड़ा में पेड़ों की छांव में लगी चौपाल में ग्रामीणों की उनकी विभिन्न जरूरतों के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने ग्रामीणों ने उन्हें पीडीएस के तहत महिला स्व.सहायता समूह द्वारा संचालित राशन दुकान के बारे में कुछ शिकायतें की। इस पर मुख्यमंत्री ने इस दुकान का संचालन ग्रामीणों के आग्रह पर सहकारी समिति (लेम्प्स) को देेने का निर्णय लिया।

डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यह राशन दुकान कल से ही लैम्प्स के जरिए शुरू हो जाए। उन्होंने अधिकारियों को आसपास की पांच बसाहटों में तत्परता से विद्युतीकरण के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक और मिडिल स्कूल में बाउण्ड्री वॉल बनवाने का भी आदेश दिया।

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