रायपुर।
देश में सुर्खियां बटोरने वाला नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले का मामला कोर्ट दर कोर्ट ठोकरें खा रहा है. एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इंकार किया है. इस बार नवीन सिन्हा पीछे हट गए हैं. इसके बाद अब मामला फिर से किन्हीं अन्य जजों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेजा जाएगा.
अरबों रुपये के इस कथित घोटाले को लेकर पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की गई थी. यह याचिका हमर संगवारी नामक संस्था ने दायर की थी. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई में हो रही देरी का हवाला दे कर जल्दी इस मामले की सुनवाई की मांग संस्था ने की थी. पूरे मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ से कहीं बाहर किये जाने का अनुरोध किया गया था.
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अब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नवीन सिन्हा ने यह कहते हुये इस मामले की सुनवाई से इंकार कर दिया कि वो छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रहते हुये नान घोटाले से संबंधित मामले को सुन चुके हैं. जस्टिस अभय नारायण सप्रे और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने इस मामले को किसी अन्य पीठ में स्थानांतरित करने की बात कही और सुनवाई से मना कर दिया.
नान घोटाले को लेकर सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में ही याचिका दायर की गई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वे इस मामले को सुनवाई के लिये छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ही याचिका दायर करें. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले को हाईकोर्ट में दायर किया गया लेकिन अब तक न तो मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो पाई है और ना ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ही यह मामला परवान चढ़ पाया है.
छत्तीसगढ़ के नान घोटाले में पिछले दो सालों से 16 आरोपी जेल में हैं, जबकि दो वरिष्ठ आईएएस अफसरों पर भी इस मामले में तलवार लटक रही है. हालांकि दोनों अफसरों के खिलाफ सरकार का रवैय्या सकारात्मक है और अभी तक सरकार इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई से बचती रही है.