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रायपुर.
पुलिस ने ही एंटी करप्शन ब्यूरो ( एसीबी ) के नाम
पर वसूली का खेल शुरु कर दिया है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि रायपुर व बलौदाबाजार की पुलिस द्वार की गई कार्रवाई कह रही है.
उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार जिले में स्थित ग्राम रिसदा के पटवारी ने एक शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत पर जो कार्रवाई हुई उससे यह मामला उजागर हुआ है.
पटवारी से मांगे गए थे 5 लाख
बलौदाबाजार की पुलिस ने रिसदा के पटवारी महेंद्र ध्रुव की शिकायत पर दो पुलिसकर्मियों सहित एक वकील को गिरफ्तार किया है.
इन पर यह आरोप है कि इन्होंने पटवारी महेंद्र से पांच लाख रुपए मांगे थे. जब गिरफ्तारी की गई तब यह पेशगी बतौर 50 हजार रुपए लेते धरे गए.
बताया जाता है कि इन्होंने पटवारी को यह कहकर डराने का प्रयास किया था कि उसके विरुद्ध एसीबी को शिकायत प्राप्त हुई है.
शीघ्र एसीबी शिकायत पर उसके विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर देगी. यदि उसने बात मानते हुए उन्हें पैसे दे दिए तो वह उसे बचा ले जाएंगे.
वह तो उनकी किस्मत ही खराब थी कि इतना सब कुछ कहने, बताने के बाद भी पटवारी महेंद्र धुव्र उनके झांसे में नहीं आया और उसने उल्टे उनके विरुद्ध शिकायत कर दी.
चूंकि शिकायत हुई थी तो पुलिस को कार्रवाई भी करनी पडी़. अब यह अलग बात है कि शिकायत बलौदाबाजार जिले में की गई थी जबकि आरोपी पुलिसकर्मी रायपुर जिले में पदस्थ हैं.
एसीबी प्रभारी रायपुर एसपी रह चुके हैं
उल्लेखनीय है कि एसीबी प्रभारी शेख आरिफ हुसैन इससे पहले रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( एसएसपी ) रह चुके हैं.
इसके अलावा भी मामले में कई अजब से संयोग दिखाई दे रहे हैं. मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने जिस सहायक उपनिरीक्षक ( एएसआई ) विनोद वर्मा को गिरफ्त में वह पहले एसीबी में पदस्थ ऐसा बताया जाता है.
जबकि इसी मामले में गिरफ्तार किए गए आरक्षक गजानंद वर्मा को फिलहाल एसीबी में पदस्थ बताया जा रहा है.
एएसआई विनोद व आरके गजानंद के साथ ही मामले में जिस तीसरे आरोपी अधिवक्ता को पकडा़ गया है वह भी वर्मा है. उसका नाम अनिल वर्मा बताया जाता है.
बहरहाल, अजब गजब संयोग से जुडे़ इस मामले में रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ( एसएसपी ) अजय यादव द्वारा एएसआई विनोद वर्मा को निलंबित कर दिया गया है.
इस मामले में एसीबी का पक्ष जानने एसीबी प्रभारी आईपीएस शेख आरिफ हुसैन को फोन लगाया गया लेकिन बात नहीं हो पाई.