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बिलासपुर.
पेंड्रा से निकलने वाली अरपा नदी जोकि न्यायधानी को दो हिस्सों में विभक्त करती है के दिन संभवतः आने वाले समय में बहुर जाएं. यह वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रही है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप बिलासपुर की जीवन दायिनी अरपा नदी को संवारा जाएगा. इसके लिए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पूरी योजना तैयार कर ली गई है. शुरूआती काम प्रारंभ भी किए जा चुके हैं.
सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक प्रोजेक्ट सूखी पड़ी अरपा का संवर्धन और विकास रहा है. अरपा को संवारने और उसके संवर्धन का जिम्मा बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दिया गया है.
अरपा नदी में पानी के बहाव के लिए 250 मीटर जगह को छोड़कर नदी के दोनों ओर इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक 1.8 किलोमीटर की सिक्सलेन जिसकी चौड़ाई 100 फीट रहेगी और फोरलेन सड़क जिसकी चौड़ाई 80 फीट बनाई जाएगी.
नदी की दाई ओर सिक्सलेन सड़क बनेगी तो बांई ओर फोरलेन सड़क बनाई जाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 94.60 करोड़ है. अरपा प्रोजेक्ट में सड़क के अलावा दोनों ओर पौधारोपण किया जाएगा. लोगों के चलने के लिए फुटपाथ होगा.
क्या ऐसा हो पाएगा ?
अब सवाल इस बात का है कि क्या वाकई ऐसा हो पाएगा ? दरअसल, अरपा ने कोई अचानक बहना चालू नहीं किया है बल्कि वह पहले से प्रवाहित हो रही है.
अरपा को हमारी जरूरतों ने ही प्रदूषित किया है. पूर्व में बिलासपुर के विधायक रहे भाजपा नेता अरपा के स्वच्छ सुंदर होने की बात करते रहे लेकिन धरातल पर कुछ नज़र ही नहीं आया.
अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो स्थानीय विधायक व मुख्यमंत्री की पहल अरपा नदी को लेकर जागरूक करती है. यदि अरपा सुंदर व स्वच्छ हो जाती है तो इसका श्रेय इन्हें ही जाएगा.