संदर्भ : पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची
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रायपुर.
पुलिस अधीक्षकों की आज जारी हुई तबादला सूची से छत्तीसगढ़ में एक नया विवाद खडा़ हो गया है. विवाद की लपटों से पुलिस मुख्यालय सहित राज्य सरकार, कांग्रेस का प्रदेश संगठन ऐसे घिर गया है कि विपक्ष को बैठे बिढाए एक मुद्दा मिल गया है.
पहले बात उस स्थानांतरण सूची की जिसमें अखिल भारतीय पुलिस सेवा ( आईपीएस ) के कुलजमा 13 व राज्य पुलिस सेवा ( एसपीएस ) के दो अधिकारियों को मिलाकर 15 अफसर्स प्रभावित हुए हैं.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित बलौदाबाजार-भाटापारा, दुर्ग, सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर, कोंडागांव जिलों के पुलिस अधीक्षक बदल दिए गए हैं.
इसके अलावा ईओडब्ल्यू-एसीबी, मुख्यालय की नक्सल आपरेशन सेल, छग सशस्त्र बल की माना स्थित चौथी वाहिनी, सीटीजेडब्ल्यू कालेज कांकेर, खुफिया पुलिस के अलावा दंतेवाडा़ – सुकमा जिलों में भी नई पदस्थापना की गई है.
दंड मिला या फिर पुरस्कार
अब बात उस आईपीएस की जिसे दंड मिला है या फिर पुरस्कार इसे समझने का प्रयास छत्तीसगढ़ की जनता कर रही है.
आईपीएस बालाजी राव सोमावार . . . इन्हें 2007 में आईपीएस अवार्ड हुआ. फिलहाल कोंडागांव पुलिस अधीक्षक रहे बालाजी इन दिनों चर्चा में रहे हैं.
चर्चा भी नकारात्मक . . . उन पर किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक से लेकर गृहमंत्री – मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही थी.
मरकाम के आरोप लगाने के महज दिनों के बाद ही बालाजी का कोंडागांव से जशपुर स्थानांतरण कर दिया गया. अब पूछा जा रहा है कि दंड मिला या पुरस्कार !
एक जानकारी के मुताबिक कोंडागांव से बडा़ जिला जशपुर है जहां के पुलिस अधीक्षक बालाजी बनाए गए हैं. कोंडागांव में 11 पुलिस थाने हैं जबकि जशपुर में 13 थाने बताए जाते हैं.इससे लगता है कि बालाजी के लिए शिकवा शिकायत लाभप्रद रही.
एक बैच, एक को एएसपी तो दूसरे को एसपी बनाया
आईपीएस उदय किरण और आईपीएस सिद्धार्थ तिवारी एक ही बैच 2015 के पुलिस अधिकारी हैं लेकिन एक अभी भी अतिरिक्त पुलिस अधिकारी ( एएसपी ) हैं जबकि दूसरा पुलिस अधीक्षक ( एसपी ) हो गया है.
दरअसल, उदय किरण कोरबा में पदस्थ रहते हुए मंत्री जयसिंह अग्रवाल की आंखों में खटक गए थे. कोरबा, जयसिंह का गृहजिला है.
अंततः जयसिंह ने उदय किरण को दंतेवाडा़ उसी पद पर भिजवा दिया जिस पद पर वह कोरबा में पदस्थ थे. जबकि 2015 बैच के ही सिद्धार्थ तिवारी एएसपी सुकमा से एसपी कोंडागांव पदस्थ हो गए हैं.
मतलब जयसिंह जोकि मंत्री हैं वह उदय किरण के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम से भारी साबित हुए हैं जोकि कोंडागांव एसपी रहे बालाजी राव सोमावार को भ्रष्ट बताते रहे लेकिन उन्हें जशपुर जैसा बडा़ जिला मिल गया.
बहरहाल, आज की तबादला सूची से उठे विवाद को विपक्षी दलों ने लपक लिया है. एक ओर भाजपा ने तबादला उद्योग की बात कही है तो दूसरी ओर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) ने इसे सत्ता और संगठन से जोड़ कर देखा है. इस पर विस्तार से अगली खबर दी जाएगी.