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रायपुर.
जशपुर के डीएम महादेव कावरे ने कोरोना महामारी से लड़ने के दौरान एक अनूठी पहल की है. संभवतः छत्तीसगढ़ में ऐसी पहल करने वाले वह इकलौते डीएम होंगे. अब इस पहल के परिणाम देखने होंगे.
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले का गठन 25 मई 1998 को हुआ था. आईएएस महादेव कावरे जशपुर के 17 वें कलेक्टर हैं.
6 हजार 457 वर्ग किमी में फैला है जशपुर
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह जिला 6 हजार 457 वर्ग किलो मीटर में फैला हुआ हुआ है. झारखंड-ओडिसा की सीमा से लगे जशपुर जिले की आबादी 8 लाख 51 हजार 669 वर्ष 2011 में ली गई जनगणना के मुताबिक थी.
इतिहास में कभी जगदीशपुर के नाम से पुकारे जाने वाले जशपुर में पत्थलगांव, फरसाबहार, दुलदुला, कुनकुरी, मनौरा, जशपुर, कांसाबेल, बगीचा तहसील हैं.
जिले में इतने ही विकास खंड व इतनी ही जनपद पंचायतें हैं. एशिया का दूसरा बडा़ कैथोलिक चर्च कुनकुरी जशपुर जिले में ही स्थित है.
यहां के डीएम बनने के बाद कावरे ने कोरोना महामारी के खिलाफ लडी़ जा रही लडा़ई में एक नया तरीका अपनाया है जिससे कि लोगों की मदद हो सके.
कलेक्टर कावरे ने निर्देश दिए हैं कि जिले के सभी क्वारेंटीन सेंटर्स में एसडीएम, सीईओ व बीएमओ के कान्टेक्ट नंबर चस्पा कर दिए जाएं.ऐसा वह सेंटर्स में रहने वाले मजदूरों की मदद के लिए कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि जशपुर जिले के विभिन्न विकासखंडो़ं में तकरीबन 699 क्वारेंटीन सेंटर स्थापित किए गए हैं. इनमें लगभग पांच हजार लोग शरण लिए हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि आईएएस कावरे ने अभी हाल ही में 28 मई को निवृत्तमान कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर से चार्ज लिया था.
क्षीरसागर ने जशपुर कलेक्टर के पद पर 25 जनवरी 2019 को कार्यभार संभाला था. वे वहां 26 मई 2020 तक जशपुर में पदस्थ रहे थे.