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रायपुर .
बलात्कार की रपट अपने खिलाफ दर्ज होने के बाद सस्पेंडेड आईएएस जेपी पाठक भूमिगत हो गए हैं. उनसे न तो टेलीफोनिक संपर्क हो पा रहा है और न ही मेलमुलाकात हो पा रही है.
उल्लेखनीय है कि चांपा जांजगीर के तत्कालीन जिलाधीश जेपी पाठक पर आरक्षित वर्ग की एक विवादित महिला ने कल सनसनीखेज आरोप लगाए थे.
महिला को एक एनजीओ संचालिका बताया जाता है. उसके पति शिक्षाकर्मी के पद पर पदस्थ हैं. अपने एनजीओ को काम देने व पति की अच्छी पदस्थापना के झांसे में महिला तत्कालीन जिलाधीश से शारीरिक रुप से जुड गई थी.
कल शाम से संपर्क में नहीं
ज्ञात हो कि पाठक पर जिलाधीश कक्ष के विश्राम रुम में महिला के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया है. इसकी सुगबुगाहट कल दोपहर से जांजगीर चांपा से लेकर बिलासपुर – रायपुर तक सुनाई दे रही थी.
पाठक ने तबादले के बाद जिन यशवंत कुमार को जिलाधीश का प्रभार सौंपा उनके ही मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर ने इस धीर गंभीर आरोप से जुडे़ मामले की प्राथमिक जांच की.
पुख्ता होने के बाद कल रात मामले में महिला की शिकायत पर बलात्कार का जुर्म किया गया. इसमें धारा 376 दर्ज की गई है. इसके अलावा जान से मारने की धमकी के मामले में धारा 506 के तहत अपराध दर्ज हुआ है.
और तो और लज्जा भंग करने के मामले में धारा 509 ख का आरोपी जेपी पाठक को बनाया गया है. जांजगीर की पुलिस अधीक्षक माथुर की निगरानी में जांच शुरु कर दी गई है.
इन सबके बीच आईएएस जेपी पाठक से उनके परिचितों ने भी दूरी बनानी शुरु कर दी है. कल शाम के बाद से स्वयं पाठक ने मोबाइल से दूरी बना ली थी.
आज राज्य शासन की ओर से आईएएस पाठक को निलंबित भी कर दिया गया. इस कार्रवाई ने पाठक को भूमिगत होने मजबूर कर दिया है.
“नेशन अलर्ट” ने पूरे प्रकरण में पाठक का पक्ष जानने आज भी उनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. कार्यलयीन सूत्र बताते हैं कि पाठक आज दफ्तर भी नहीं पहुंचे थे.