विद्यार्थी बढ़े लेकिन घट गई व्याख्याताओं की संख्या

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चित्तौडग़ढ़.

महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में साल दर साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती रही लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले व्याख्याताओं की संख्या कम होती गई. अब इस पीजी कॉलेज को प्रभारी प्राचार्य के भरोसे काम करना पड़ रहा है क्योंकि महाविद्यालय के प्राचार्य भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

कुल जमा 24 साल के आंकड़े बताते हैं कि पीजी कॉलेज में आज की तारीख में अध्ययनरत तकरीबन साढ़े छ: हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने महज 40 व्याख्याता अपनी सेवा दे रहे हैं.

पहले स्थिति ऐसी नहीं थी. चालीस साल पहले तकरीबन इस महाविद्यालय में डेढ़ हजार विद्यार्थी पढ़ा करते थे. उस समय इन्हें 76 व्याख्याता पढ़ाया करते थे. जिले का यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण महाविद्यालय है.

साल दरसाल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती गई और व्याख्याताओं की संख्या में कमी होती गई. अब हालत यह है कि कॉलेज में प्राचार्य का भी पद प्रभारी भरोसे है. महाविद्यालय में स्वीकृत 78 में से 38 पद व्याख्याताओं के रिक्त पड़े हैं.

प्राचार्य और उप प्राचार्य के भी पद कागजों में तो दिखाई देते हैं लेकिन भौतिक रूप से इन पर कोई कार्य करता हुआ नजर नहीं आता है. प्राचार्य का पद मार्च से रिक्त है. इसी तरह पुस्तकालय अध्यक्ष का पद कई वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है.

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