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रायपुर.
प्रदेश में की जा रही धान खरीदी से जुड़ी व्यवस्था में बार बार परिवर्तन किए जाने से छत्तीसगढ़ के किसान सरकार से बुरी तरह खफा हैंं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री स्वयं डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद्य विभाग को आनन फानन में शत प्रतिशत धान खरीदने के लिए लिमिट की व्यवस्था को शिथिल करने के निर्देश जारी करने पड़े. सीमांत और छोटे किसानों को बार बार खरीदी केंद्र तक ना आना पड़े ऐसी व्यवस्था करने मुख्यमंत्री ने कहा है.
उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रति एकड़ 15 क्विंटल के हिसाब से प्रत्येक किसानों से धान क्रय करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद खाद्य विभाग के सचिव भी एक एक जिले से रपट तलब कर रहे हैं.
14 को मुंगेली बंद
मुंगेली जिले के किसानों ने तो अव्यवस्था को लेकर 14 दिसंबर को बंद का आह्वान भी कर दिया है. वह इस बात से परेशान है कि बार बार नियम बदल दिए जाते हैं. जिले के सेतगंगा क्षेत्र के सिंगारपुर धान खरीदी केंद्र में घंटों चक्काजाम कर चुके हैं.
पंडारभट्टा में भी किसान आक्रोशित हैं. जिला कांग्रेस अध्यक्ष आत्मा सिंह ने किसानों को मनाने के साथ ही खरीदी में लगे अधिकारियों को जमकर फटकारा है. किसानों ने आक्रोश में कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपकर बड़े प्रदर्शन की चेतावनी देने के साथ ही 14 दिसंबर को बंद का ऐलान कर दिया है.
फूंक चुके हैं पुतला भी
किसान खरीदी की व्यवस्था से इस हद तक आक्रोशित हैं कि उन्होंने मंगलवार को कवर्धा जिले में मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंक दिया. पूरा धान खरीदने के वायदे के बाद तय सीमा में खरीदी करने से किसान परेशान थे.
इसी परेशानी के दौरान उन्होंने पहले सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और झिरौनी खरीदी केंद्र में मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया. कवर्धा जिले में 86 खरीदी केंद्रों में 40 से ऐसी खबरें आ रही हैं जो कि सरकार को सोचने समझने मजबूर कर देगी.
इसके पहले कवर्धा जिले में ही तहसीलदार मनोज रावटे को किसान घेर चुके हैं. यह हादसा पनेका सोसायटी का बताया जाता है. यही हाल भिंभौरी उपार्जन केंद्र का भी है. यहां पर भी खरीदी शुरू नहीं हो पाई थी. यह केंद्र बेमेतरा जिले में आता है.
कृषि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र साजा में सेवा सहकारी समिति के उपकेंद्र परसबोड़ में किसानों ने जनपद पंचायत अध्यक्ष ओम वर्मा, कृष्णा राठी की एक न सुनी. उन्होंने तहसीलदार प्रफुल्ल रजक को भी घेर लिया था.
बहरहाल, इस तरह की खबरों के बीच मुख्यमंत्री डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. उनके निर्देश पर मुख्य सचिव आरपी मंडल स्वयं धान खरीदी केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण कर रहे हैं.
सीएम-सीएस प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधीशों से पल पल की रपट तलब कर रहे हैं. रपट तलब करने बाद लागू की गई व्यवस्था के बावजूद किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले पा रहा है.
सवाल इस बात का है कि यह गुस्सा नगरीय निकाय व पंचायती चुनाव में क्या छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा ?