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रांची.
झारखंड का सूचना आयोग क्या वाकई पंगु हो चुका है ? यह सवाल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि झारखंड के उच्च न्यायालय ने कुछ इसी तरह की टिप्पणी सूचना आयोग के संदर्भ में कर रखी है.
झारखंड के राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के कुल जमा 9 पद हैं. मुख्य सूचना आयुक्त सेवानिवृत्त हो चुके हैं. साथ ही साथ सूचना आयुक्त के अन्य पद भी रिक्त पड़े हुए हैं.
वर्तमान में सूचना आयुक्त के एक ही पद पर आयुक्त पद स्थापित है. इसके चलते अपील पर सुनवाई भी नहीं हो पा रही है. मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है.
जनहित याचिका दायर की थी
झारखंड में सूचना आयुक्त के पद रिक्त पड़े होने को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए गत सप्ताह शनिवार को एक आदेश आया है.
इस आदेश में झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन, जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने विधानसभा चुनाव के बाद खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया को शुरू करने को कहा है.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि वह 10 जनवरी तक नियुक्ति प्रक्रिया की प्रगति के संबंध में हाईकोर्ट को सूचित करे. सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने यह कहकर टिप्पणी की है कि राज्य का सूचना आयोग पंगु हो गया है.
राजकुमार द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की ओर से जवाब में बताया गया कि राज्य में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. इसके चलते आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है. इसका असर नियुक्ति प्रक्रिया पर पड़ रहा है और वह शुरू नहीं हो पा रही है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इसमें उसने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनाव के बाद सूचना आयोग में रिक्त आयुक्तों के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 से राज्य सरकार सूचना आयुक्तों के पद पर नियुक्ति को टालते आ रही है.