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जयपुर.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिसद की रैंकिंग में पाली जिले ने जबरदस्त छलांग लगाई है. पाली जो कि पहले 26वें स्थान पर था वह वहां से 13वें स्थान पर पहुंचा. 13वें स्थान से पाली ने दसवें स्थान तक की दूरी तय की है.
बताया जाता है कि पहले दस स्थानों पर ऐसे जिले शामिल हैं जिनमें से ज्यादातर को पिछड़ा हुआ माना जाता है. इन तथाकथित पिछड़े जिलों ने स्कूल शिक्षा परिषद की रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन कर लोगों को चौंका दिया है.
हनुमानगढ़ प्रथम, जयपुर द्वितीय
परिषद द्वारा जारी की गई सूची में हनुमानगढ़ जिले को प्रथम स्थान दिया गया है. द्वितीय स्थान पर जयपुर जबकि तृतीय स्थान पर श्रीगंगानगर जिले ने स्थान बनाया है.
चौथे स्थान पर राजस्थान का सीकर जिला, पांचवे स्थान पर चित्तौडग़ढ़, छठवें स्थान पर झुंझुनूं, सातवें स्थान पर दौसा, आठवें स्थान पर डोंगरपुर व नौंवे स्थान पर टोंक जिला शामिल है.
जिलों की शिक्षा व्यवस्था की रैंकिंग अमूमन स्कूल में चार दीवारी, लाइट, खेल मैदान, पानी की व्यवस्था सहित बालसभा, पेनकार्ड, एमएमसी पंजीयन व एसईजी प्रमाण पत्र के अलावा हर महीने की एमपीआरबी के तहत निर्धारित होती है.
प्रदेश में सबसे कमजोर प्रदर्शन प्रतापगढ़ जिले का रहा है. कमजोर प्रदर्शन के मामले में दूसरा स्थान जोधपुर जिले ने अर्जित किया है. 24 से 31वें नंबर के बीच नागौर, उदयपुर, जालोर, भरतपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, धौलपुर व जैसलमेर जैसे जिले आते हैं.
राजस्थान के कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों प्रतापगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, धौलपुर, बांसवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारियों ( डीईओ ) को रैंकिंग में सुधार के लिए चेतावनी दी गई है.
बताया जाता है कि सोजत व पाली ब्लाक के प्रदर्शन के आधार पर ही पाली जिले को पहले दस स्थानों में जगह बनाने का अवसर मिला है. सोजत ने 218.07, पाली ने 205.07 अंकों के साथ अपने जिले पाली को बहुत ऊंचा उठाया है.
पाली जिले में सबसे कमजोर प्रदर्शन देसूरी ब्लाक का रहा है. रानी, मारवाड़ जंक्शन, रायपुर व जैतारण ऐसे ब्लाक हैं जहां प्रदर्शन सुधारा जा सकता है.
बहरहाल पाली जिले को इस बार रैंकिंग में कुल जमा 167.25 अंक मिले हैं. पिछले माह यह तेरहवें नंबर पर था. इसके पहले इसका स्थान 26वां था. सिरोही जिला 151.74, जालोर जिला 146.08 अंकों के साथ क्रमश: 22 और 26वें स्थान पर है.