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रायपुर.
प्रदेश सरकार इस महीने राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का धूमधाम से आयोजन करने जा रही है. आयोजन के पहले ही इस पर बवाल मच गया है. दरअसल, पाकिस्तान को इस महोत्सव में आमंत्रित करने का कृत्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किया है. इस पर कई तरह की बात हो रही है.
राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन प्रदेश की राजधानी रायपुर में होने जा रहा है. यह आयोजन इस महीने की 27 तारीख से होगा. 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक प्रदेश की राजधानी रायपुर इस आयोजन की साक्षी बनेगी.
इसके बावजूद आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान को इस महोत्सव में आमंत्रित किए जाने के बाद से राजनीतिक पार्टियों में खींचतान मच गई है. भारतीय जनता पार्टी इस विषय का पूरजोर तरीके से विरोध कर रही है.
राष्ट्रीय सुरक्षा से किया खिलवाड़
भाजपा के विधायक शिवरतन शर्मा इस विषय पर कहते हैं कि यह विषय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान को आमंत्रण देकर देश की विदेश नीति का उल्लंघन किया है.
उनके अनुसार यह निर्णय पूरी तरह से अनुचित है. वह कहते हैं कि इस गैर जिम्मेदाराना हरकत पर कांग्रेस सरकार को चिंतन करना चाहिए. शर्मा के अनुसार अभी भी हालात ऐसे नहीं है कि पाकिस्तान के साथ राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक संबंध बनाए रखे जाए.
उधर दूसरी ओर कांग्रेस के अपने तर्क हैं. संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत कहते हैं कि आयोजन के लिए सार्क समूह के देशों को आमंत्रित करने का फैसला हुआ था. फैसले के अनुरूप ही पाकिस्तान को भी न्यौता दिया गया है.
भगत इसे गंभीरता से नहीं लेने की जरूरत ठहराते हैं. उनके अनुसार इस विषय पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. चूंकि सभी सार्क देशों को दिल्ली स्थित उनके दूतावासों के माध्यम से न्यौता दिया गया है इसकारण पाकिस्तान को भी भेज दिया गया होगा.
बहरहाल, आदिवासी नृत्य महोत्सव होने केे पहले ही विवादों में घिर गया है. पाकिस्तान को आमंत्रित कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस विषय पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जाती नजर आ रही है.( फाइल फोटो.)