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रायपुर.
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए कथित घोटाले का मसला रह रहकर सामने आता है. इस बार यह विषय विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठा. वकीलों की नियुक्ति सहित उन्हें हुए भुगतान पर जबरदस्त बहस हुई. बताया जाता है कि पी. चिदंबरम को 60 लाख सहित अधिवक्ता दयन कृष्णन को तकरीबन 81 लाख का भुगतान किया गया है.
आज इस विषय पर विधानसभा में माहौल गरम रहा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस विषय पर एक दूसरे से उलझ गए. अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को हस्तक्षेप करना पड़ा.
साल्वे-श्रीवास्तव कभी कोर्ट पहुंचे ही नहीं
डॉ. रमन सिंह ने सरकार को घेरने नान घोटाले की पीआईएल में शासन द्वारा वकीलों की नियुक्ति के संबंध में जानकारी मांगी थी. जवाब में बघेल ने बताया कि हरीश एल साल्वे, पी. चिदंबरम, दयन कृष्णन, रविंद्र श्रीवास्तव व अपूर्व कुरूप नियुक्त किए गए हैं.
इस पर रमन ने यह कहते हुए आपत्ति की कि अपूर्व सरकारी वकील हैं. उन्होंने वकीलों को दी गई फीस सहित उनके आने जाने की व्यवस्था संबंधी सवाल भी किया था.
मुख्यमंत्री ने बताया कि चिदंबरम को सरकारी विमान उपलब्ध कराया गया था. चिदंबरम को 60 लाख रूपए सहित कृष्णन को 81 लाख रूपए का भुगतान किया गया है. इस पर भी रमन ने यह कहते हुए आपत्ति की कि इस केस को लेकर साल्वे-श्रीवास्तव कभी बिलासपुर हाईकोर्ट आए ही नहीं.
विधानसभा को गलत जानकारी देने का आरोप रमन ने सरकार पर लगाया. इससे मुख्यमंत्री आक्रोशित हो गए. उन्होंने सदन में कहा कि रमन सरकार के समय भी बाहर के वकील बुलाए गए थे. किसे कब और कितना भुगतान किया गया सबका हिसाब उनके पास है.